रक्षाबंधन के अलावा भाई-बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार भाई दूज भी साल में दो बार मनाया जाता है. साल के दो बड़े त्योहार होली और दिवाली के बाद भाई दूज होता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं.
ये त्योहार आमतौर पर होली और दिवाली के तीसरे दिन होता है. कभी-कभार समय में चेंज हो सकता है. इस लिहाज से इस बार ये फेस्टिवल 06 नवंबर 2021 दिन शनिवार को पड़ेगा. आइए जानते हैं ये त्योहार क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है.
क्यों मनाते हैं भाई दूज –
भाई दूज क्यों मनाते हैं इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं. उनमें से एक देवी यमुना या यामी और उनके भाई यमराज के बीच की कथा है. ऐसा बताते हैं कि देवी यामी अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम करती थी. एक बार वे काफी समय से नहीं मिले थे कि अचनाक दिवाली बाद वे यामी से मिलने पहुंच गए.
भगवान यम ने दिया यामी को वरदान -
खुशी में यामी ने तमाम तरह के पकवान बनाए और भाई यम के माथे पर तिलक किया. इससे वे बहुत खुश हो गए और उन्होंने यामी से कोई वरदान मांगने को कहा. इस पर यामी ने अपने भाई से कहा कि वे चाहती हैं कि यम हर साल उनसे मिलने आएं और आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का भय न रहे क्योंकि उसकी बहन का प्यार और प्रार्थना भाई की रक्षा करेगा. यमराज ने यामी को ये वरदान दिया और उस दिन से भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा.
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