SPYApps: इस महीने की शुरुआत में सिक्योरिटी रिसर्चर ESET ने 12 ऐसे एंड्रॉयड ऐप्स की पहचान की थी, जो यूजर्स के डेटा की जासूसी किया करते थे. रिपोर्ट के मुताबिक ये सभी ऐप मैसेजिंग टूल्स की तरह काम करते थे, हालांकि, इनमें से एक ऐप न्यूज़ ऐप के रूप में काम करता था.
12 ऐप्स के जरिए यूज़र्स की जासूसी
इन सभी ऐप्स के बैकग्राउंड में सीक्रेट तरीके से रीमोट एक्सेस ट्रोजन (RAT) कोड का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे VajraSpy कहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि VajraSpy में जासूसी सिस्टम की एक श्रृंखला होती है जिसे इसके कोड के साथ बंडल किए गए ऐप को दी गई परमिशन्स के आधार पर विस्तारित किया जा सकता है.
इन सिस्टम की मदद से ये ऐप्स यूजर्स के कॉन्टैक्ट्स, फाइल्स कॉल लॉग्स, और एसएमएस चोरी कर लेते हैं. इनमें से कुछ ऐप्स यूजर्स के व्हाट्सऐप और Singal मैसेज को भी पता कर लेते हैं, और उसकी कॉपी रख लेते हैं. इसके अलावा साइबर क्रिमिनल्स इन ऐप्स की मदद से फोन कॉल को रिकॉर्ड, कैमरा से पिक्चर लेना आदि जैसे काम भी करते हैं.
आइए हम आपको इन ऐप्स के नाम बताते हैं.
- Hello Chat
- Chit Chat
- Meet Me
- Nidus
- Rafaqat News
- Tik Talk
- Wave Chat
- Prive Talk
- Glow Glow
- Lets Chat
- Quick Chat
- Yoho Talk
गूगल ने प्ले स्टोर से किया डिलीट
ये 12 ऐप्स पहले गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध थे, लेकिन अब गूगल ने इन ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर से हटा दिया है. अगर किसी यूजर्स के फोन में ये ऐप्स पहले से मौजूद हैं, तो उन्हें अपने आप इन ऐप्स को अपने फोन से डिलीट करना पड़ेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इन ऐप्स के माध्यम से साइबर क्रिमिनल्स भारत और पाकिस्तान के एंड्रॉयड फोन यूज़र्स को टारगेट करते हैं. सिक्योरिटी रिसर्च कंपनी का मानना है कि साइबर क्रिमिनल्स यूजर्स को टारगेट करने के लिए हनी-ट्रैप, रोमांटिक या सैक्सुअल एक्टिविटीज़ का इस्तेमाल करते होंगे.
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