Dumped Smartphones: इस साल लगभग 5.3 बिलियन यानी 530 करोड़ मोबाइल फोन बेकार हो जाएंगे. एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस समय दुनियाभर में इस्तेमाल हो रहे 16 बिलियन यानी 1600 करोड़ मोबाइल फोन में से करीब 530 करोड़ मोबाइल फोन इस साल बेकार हो जाएंगे. रिपोर्ट के अनुसार, ये मोबाइल फोन पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचाने वाले हैं. इन बेकार हुए फोनों में से अत्याधिक मात्रा में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले मटीरियल निकलेंगे, जिन्हें रिसाइकिल करना बहुत जरूरी होगा.
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि इन मोबाइल फोनों की तादाद इतनी ज्यादा होगी कि अगर इनको एक के ऊपर एक रखा जाए तो 50,000 किलोमीटर ऊंची मीनार खड़ी हो सकती है, इंटनेशनल स्पेस स्टेशन की ऊंचाई से यह ऊंचाई 100 गुना ज्यादा होगी.
बेकार मोबाइल फोनों में मिलेंगे बहुमूल्य मटीरियल
रिसर्च एजेंसी WEEE का कहना है कि इन बेकार हुए मोबाइल फोन में सोना, चांदी, तांबा, पैलेडियम समेत कई और अन्य बहुमूल्य धातु निकलेंगे, जिन्हें रिसाइकिल कर वापस से उपयोग में लाया जा सकता है. अगर इन सभी बेकार हुए डिवाइसेज को ऐसे ही फेंक दिया गया तो इनकी वजह से पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच सकती है. रिसर्च फोरम के डायरेक्टर जनरल पासकल लैरी (Pascal Leroy) ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स में से स्मार्टफोन हमारे लिए सबसे ज्यादा उपयोगी है. अगर, इन बेकार हुए मोबाइल फोन के मैटेरियल्स को रिसाइकिल नहीं किया गया, तो फिर हमें इन दुर्लभ मटीरियल्स के लिए चीन या कांगो जैसे देशों पर निर्भर होना पड़ेगा.
हर साल 44.8 मिलियन टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा निकलता है
2020 के ग्लोबल ई-वेस्ट मॉनिटर के अनुसार, हर साल बेकार हुए मोबाइल फोन से लगभग 44.48 मिलियन टन इलेक्ट्रॉनिक कचरा निकलता है, जिसको रिसाइकिल नहीं किया जाता. जून 2022 से सितंबर 2022 तक 6 यूरोपीय देशों में एक सर्वे किया गया, जिसमें पाया गया कि बेकार पड़े 5 बिलियन फोन में से बहुत से फोनों को डंप करने के बजाय घर में ही जमा कर लिया गया था और यह चिंता का विषय है. रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप में हर एक परिवार के पास औसतन 5 किलो तक इलेक्ट्रॉनिक कचरा जमा है.
लोग इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस घरों में करते हैं जमा
सर्वे के अनुसार, 8775 में से 46 प्रतिशत लोगों ने सिर्फ इस वजह से अपने घर या दफ्तर में सेलफोन और इलेक्ट्रॉनिक (Electronic Gadgets) कचरा जमा करके रखा हुआ है ताकि उसे भविष्य में उपयोग में ला सकें. 15 प्रतिशत यूजर्स ही अपने पुराने या बेकार हो चुके गैजेट्स को बेचते या डंप करते हैं. वहीं, 13 प्रतिशत यूजर्स अपने पुराने गैजेट्स को सेंटिमेंटल लगाव की वजह से अपने पास संभाल कर रख लेते हैं.
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