5G In India: भारत में अक्टूबर 2022 में 5जी को पेश किया गया. 5जी का विस्तार 4जी और 3जी की तुलना में काफी तेजी से हो रहा है. कई शहरों में 5जी सर्विस को एनेबल कर दिया गया है, और कई शहरों में शुरू करने की प्लानिंग चल रही है. 5G से लाखों की संख्या में लोगो को तेज स्ट्रीमिंग, गेमिंग और काम का अनुभव होगा, लेकिन इन लाखों लोगो में शायद एयरपोर्ट्स के पास रहने वाले लोग शामिल नहीं होंगे. दरअसल, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि एयरपोर्ट्स के आसपास रहने वाले यूजर्स को अपने डिवाइसेस पर 5जी के इस्तेमाल करने की संभावना नहीं है, और यह संख्या लाखों में है. अब यह क्या माजरा है? आइए इस खबर में जानते हैं.
क्या है समस्या?
दूरसंचार विभाग (DoT) ने हाल ही में टेलीकॉम प्रोवाइडर्स भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन को एक लेटर भेजा है. लेटर में लिखा है कि वे तत्काल प्रभाव से भारतीय हवाई अड्डों की 2.1 किलोमीटर की सीमा के भीतर सी-बैंड 5जी बेस स्टेशन इंस्टॉल न करें, क्योंकि सी-बैंड 5जी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ समस्याएं पैदा कर सकता है. टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान, और पहाड़ों में दुर्घटनाग्रस्त होने से बचने के लिए, पायलट पूरी तरह से रेडियो (रडार) अल्टीमीटर पर डिपेेंड होते हैं. DoT के पत्र में टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स (TSPs) को सलाह दी गई है कि “रनवे के दोनों सिरों से 2,100 मीटर और भारतीय एयरपोर्ट्स के रनवे की मध्य रेखा से 910 मीटर के क्षेत्र में 3,300-3,670 मेगाहर्ट्ज में कोई 5G/IMT बेस स्टेशन नहीं बनाया जाए.
इन एयरपोर्ट्स पर है 5G बेस स्टेशन
Airtel ने नागपुर, बेंगलुरु, नई दिल्ली, गुवाहाटी और पुणे के एयरपोर्ट्स पर 5G बेस स्टेशन स्थापित किए हैं, जबकि Jio ने दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में 5G बेस स्टेशन स्थापित किए हैं. यह नया नियम तब तक लागू रहेगा जब तक कि DGCA सभी विमानों के रेडियो अल्टीमीटर फिल्टर को बदलना सुनिश्चित नहीं कर देता है. जानकारी के लिए बता दें कि जैसे ही दुनिया भर में हाई-स्पीड 5G वायरलेस नेटवर्क रोल आउट किया गया, तो अमेरिका में पायलटों ने भी विमान के रेडियो (रडार) अल्टीमीटर के साथ लगातार समस्याओं की शिकायत दर्ज की थी.
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