Risk On Linux OS Users: अगर आप भी लिनक्स ओएस (Linux OS) का इस्तेमाल करते हैं तो आपको बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है. दरअसल इस साल की पहली छमाही में लिनक्स ओएस यूजर्स पर रैंसमवेयर अटैक के काफी मामले सामने आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रैंसमवेयर हमलों में पिछले साल की तुलना में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जो लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम पर किए गए हैं.


ये आंकड़े 2022 की पहली छमाही के हैं. साइबर सुरक्षा फर्म ट्रेंड माइक्रो के शोधकर्ताओं ने रैंसमवेयर हमलों में एक स्पाइक पाया है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि 2022 की पहली छमाही में नए लिनक्स रैंसमवेयर अटैकर्स सामने आए हैं.


क्या कहते हैं रिसर्चर्स


इस मामले में शोधकर्ताओं का कहना है कि, हमने देखा कि कैसे रैंसमवेयर अटैक करने वाले बड़े पेमेंट और तेजी से पैसे लेने के लिए रैंसमवेयर-ए-ए-सर्विस (RaaS) का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा इस तरह के हाई-प्रोफाइल हमलों में नए-नए रैंसमवेयर हमलावर सामने आ रहे हैं.  


1200 से ज्यादा संस्थानों पर हमले


शोधकर्ताओं द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 67 सक्रिय रैंसमवेयर-ए-ए-सर्विस और जबरन वसूली ग्रुपों के साथ-साथ 1,200 से ज्यादा ऐसे संस्थान सामने आए हैं, जिन पर ये हमले हुए हैं. रैंसमवेयर हमलावरों ने लिनक्स ओएस यूजर्स (Linux OS users) पर हमला करने के लिए नए और आजमाए हुए तरीकों का सहारा लिया. शोधकर्ताओं ने इस साल एक नया रैंसमवेयर वैरिएंट भी खोजा है जिसे 'चीयर्सक्रिप्ट' कहा जाता है, जो ESXi सर्वर को टारगेट करता है.


रिसर्चरों की टीम का कहना है कि ये अटैकर्स सर्वर्स में वायरस छोड़कर उन्हें इंफेक्ट कर देते हैं, जो कि उद्यमों द्वारा बड़े लेवल पर इस्तेमाल किए जाते हैं. इस इंफेक्शन से किसी भी संस्थान के बुनियादी ढांचे और सुरक्षा के लिए बड़ खतरा पैदा हो जाता है.


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