नई दिल्ली: भारत सरकार ने हाल ही में टिक टॉक समेत चीन के 59 ऐप्स पर भारत में प्रतिबंध लगा दिया. वहीं अब टिक टॉक हांगकांग में भी बंद होने जा रहा है. कंपनी ने यहां इसे बंद करने का फैसला किया है. टिक टॉक के प्रवक्ता ने कहा कि हाल की घटनाओं की वजह से बने हालात के मद्देनजर हमनें हांगकांग में टिक टॉक ऐप के ऑपरेशन को बंद करने का फैसला लिया है.


वीडियो मेकिंग ऐप टिक टॉक ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून आने के बाद इसे बंद करने का निर्णय लिया है. यह कंपनी अब वॉल्ट डिज्नी के पूर्व कोएक्जीक्यूटीव केविन मेयर द्वारा चलाई जाती है. टिकटॉक द्वारा पहले भी कहा गया है कि कंपनी चीन सरकार द्वारा सामग्री पर सेंसर या टिकटॉक के यूजर्स डाटा तक पहुंच को लेकर किए गए किसी भी अनुरोध को नहीं मानेगी. कंपनी ने साफ किया कि उससे अब तक ऐसा करने को कहा भी नहीं गया है.


हांगकांग रहा छोटा मार्केट


खबरों की मानें तो हांगकांग कंपनी के लिए एक छोटा बाजार रहा है, साथ ही इससे खास लाभ भी नहीं मिला. टिक टॉक ने पिछले साल बताया था कि हांगकांग में करीब 150,000 टिक टॉक यूजर्स हैं. टिक टॉक को हांगकांग में बंद करने का फैसला इसलिए भी लिया गया क्योंकि ये साफ नहीं हो पा रहा है कि हांगकांग अब पूरी तरह से बीजिंग के अधिकार क्षेत्र में आएगा या नहीं.


अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी हो सकता है बैन


भारत के बाद कई देश चीन की इस कंपनी टिक टॉक को अपने देश में प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहे हैं. अमेरिका में इस पर बैन लगाया जा सकता है. अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सोमवार देर रात कहा कि हम निश्चित रूप से चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं. वहीं ऑस्‍ट्रेलिया भी टिक टॉक को बैन कर सकता है. यहां भी इस ऐप को बैन करने की मांग अब तूल पकड़ने लगी है.


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