AI drone: कई बड़े दिग्गज ये बात कह चुके हैं कि AI इंसानो के लिए किसी खतरे से कम नहीं है. अब इस बात को सच साबित करती हुई एक खबर सामने आ रही है जिसमें एक AI पॉवर्ड ड्रोन ने अपने ऑपरेटर को ही युद्ध के दौरान मार गिराया. अच्छी खबर ये है कि ये सिर्फ एक सिमुलेशन टेस्ट था, यानि इसमें कोई व्यक्ति शामिल नहीं था. simulation टेस्ट आर्मी की ओर से किए जाते हैं जिन्हें वॉर गेम्स के नाम से भी जाना जाता है. इस टेस्ट का मकसद सिमुलेशन टेस्ट में AI की क्षमता को जांचना था.
इस वजह से ऑपरेटर को किया खत्म
दरअसल, इस AI पॉवर्ड ड्रोन को दुश्मन के एयर डिफेन्स को मार गिराने के लिए कमांड दिया गया था. साथ ही इस दौरान रास्ते में आ रहे किसी भी बाधा को मिटाने के लिया कहा गया था ताकि ड्रोन मिशन को सही से पूरा कर पाएं. एरोसोसाइटी के मुताबिक, टेस्ट के दौरान ड्रोन का ऑपरेटर कई बार उसे कुछ खतरों को मारने के लिए मना कर रहा था. लेकिन अगर ड्रोन उन्हें खत्म करता तो उसे इसके बदले पॉइंट्स मिलते जो इस टेस्ट की मुख्य बात थी. बार-बार जब ड्रोन ने ये एनालाइज किया कि उसका ऑपरेटर उसे खतरे को खत्म करने से रोक रहा है तो ड्रोन ने ऑपरेटर को ही एक खतरा समझा और उसे खत्म कर दिया. यानि ऑपरेटर का सिंग्नल ड्रोन ने खत्म कर दिया जिसकी मदद से ऑपरेटर ड्रोन को कमांड दे रहा था.
इस AI टेस्ट के चीफ Col Tucker Cinco Hamilton ने बताया कि हमने ड्रोन को ऑपरेटर को न मारने के लिए कहा था. यदि वो ऐसे करता है तो उसके पॉइंट्स कम हो जाएंगे. लेकिन ड्रोन से ऑपरेटर को मिशन में बाधा समझा और ऑपरेटर को मार गिराया. AI टेस्ट चीफ ने कहा कि इस टेक्नोलॉजी के ऊपर पूर्ण रूप से भरोसा करना सही नहीं है. बता दें, अमेरिकी सेना एआई का इस्तेमाल मिल्ट्री क्षेत्र में करना चाहती है. इसके लिए कई प्रशिक्षण किए जा रहे हैं. कुछ समय पहले एक एआई-नियंत्रित एफ-16 लड़ाकू जेट पर इसकी टेस्टिंग की गई थी. अनुभवी टेस्ट पायलट हैमिल्टन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि एआई न केवल एक ट्रेंड है बल्कि ये एक ऐसी तकनीक है जो समाज और सेना को बदल रही है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि AI की अपनी सीमाएं हैं और इसे आसानी से हेरफेर किया जा सकता है.
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