AI Face-Swapping Technology : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का दौर चल रहा है. ChatGPT ने एआई को लेकर ऐसी क्रांति ला दी है कि कई कंपनियां अपने एआई चैटबॉट लेकर आ रही हैं. कई लोग अपने काम को आसान बनाने के लिए एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब हर सिक्के के दो पहलू होते हैं. एआई कुछ सुविधाएं लेकर आया है तो कुछ नुकसान भी. अफसोस की बात यह है कि लोग एआई का इस्तेमाल चोरी और ठगी में कर रहे हैं. एक व्यक्ति ने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति से 5 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है.


डीपफेक तकनीक क्या है? 


डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर व्यक्ति को ठगने का मामला नॉर्थ चीन का है. टेक्नोलॉजी इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही है कि कुछ लोगों को तो मालूम भी नहीं है कि इस तरह की टेक्नोलॉजी एक्सिस्ट भी करती है. क्या आप डीपफेक तकनीक के बारे में जानते हैं? नहीं? डीपफेक टेक्नोलॉजी ऑनलाइन नकली तस्वीरें और वीडियो हैं. ये तस्वीर या वीडियो बिलकुल वास्तविक दिखते हैं. इनका इस्तेमाल गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा सकता है.


इस तरह शख्स से की 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी


रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी चीन में एक स्कैमर ने डीपफेक तकनीक का इस्तेमाल कर एक व्यक्ति को अपने अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मना लिया. दरअसल, स्कैमर ने एआई-पावर्ड फेस-स्वैपिंग तकनीक का इस्तेमाल किया और पीड़ित के करीबी दोस्त का रूप धारण कर लिया. पीड़ित पहचान ही नहीं कर सका कि वह उसका करीबी दोस्त नहीं है. जालसाज ने वीडियो कॉल के दौरान पीड़ित के दोस्त का रूप धारण कर लिया था. फिर उसे 4.3 मिलियन युआन (लगभग 5 करोड़ रुपये) ट्रांसफर करने के लिए कहा. पीड़ित को लगा उसके दोस्त को सख्त पैसों की जरूरत है तो उसने पैसे ट्रांसफर कर दिए. इस घटना ने वित्तीय अपराधों को अंजाम देने के लिए एआई के इस्तेमाल को लेकर चीन में चिंता बढ़ा दी है.


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