पब्लिकली उपलब्ध डेटा AI की पहुंच से होगा बाहर, चैट जीपीटी और बार्ड नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
Data Shield from AI tools: AI चैटबॉट अगर पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल खुद को बेहतर बनाने के लिए करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
![पब्लिकली उपलब्ध डेटा AI की पहुंच से होगा बाहर, चैट जीपीटी और बार्ड नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल AI tool like ChatGPT and Bard will not be able to use public data if DPDP 2023 bill passes पब्लिकली उपलब्ध डेटा AI की पहुंच से होगा बाहर, चैट जीपीटी और बार्ड नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/07/17/1882a6a05f4b37f034c41ec979ce52491689566378633601_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Personal data will be shielded from AI: कुछ समय पहले गूगल ने अपने AI टूल के प्राइवेसी पॉलिसी में बदलाव किया था और ये बताया कि कंपनी अपने AI प्रोडक्ट और सर्विसेस को बेहतर बनाने के लिए पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल करेगी. यानि हमारे टेस्ट, प्रिफरेंस आदि का इस्तेमाल AI कंपनियों द्वारा किया जा सकता है. हालांकि भारत और दूसरे देश इसके खिलाफ हैं. भारत सरकर ने डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन 2023 का एक नया ड्राफ्ट बनाया है जिसमें ये कहा गया है कि AI कंपनियां पब्लिकली उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल अपने चैटबॉट को बेहतर बनाने के लिए नही कर सकती. फिलहाल सरकार द्वारा एक रफ ड्राफ्ट बनाया गया है जो यदि इस मानसून सत्र में पास होता है तो कानून बन सकता है.
बिल के नए ड्राफ्ट में सरकार ने उस पुराने क्लॉज़ को हटा दिया है जो लोगों के डेटा को फ्रीली प्रोसेस करने की बात कहता था. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि AI कंपनियां इस बिल के पास होने के बाद पब्लिकली उपलब्ध डेटा को स्क्रैप करती हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है जैसे अभी US में चल रही है.
थिंक टैंक में काम करने वाले एक पब्लिक पॉलिसी एक्सपर्ट ने कहा कि DPDP बिल से खंड 8(8) को हटाना, जिसमें सार्वजनिक हित के तहत किसी भी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध व्यक्तिगत डेटा को प्रोसेस करने की इजाजत थी, वह चैटजीपीटी जैसे नए एआई टूल के विकास को प्रभावित कर सकता है. नए ड्राफ्ट को सरकार लोकसभा में रखेगी जो पास होता है तो देशवासियों के लिए अच्छा होगा. टेक एक्सपर्ट ने कहा कि इस ड्राफ्ट से पुराने क्लॉज के हटाए जाने से ये पता चलता है कि अब AI कंपनियों को डेटा को प्रोसेस करने के लिए इजाजत लेनी होगी.
ओपन एआई से डेटा प्रोसेसिंग को लेकर मांगा जवाब
बता दें, अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने पिछले हफ्ते चैटजीपीटी निर्माता ओपनएआई के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. FTC ये जानना चाहता है कि क्या कंपनी सच में उपभोक्ता संरक्षण कानूनों का उल्लंघन कर रही है या नहीं. एफटीसी ने अपने 20 पेज के लेटर में ओपनएआई से स्टार्टअप के एआई मॉडल प्रशिक्षण और व्यक्तिगत डेटा हैंडलिंग और अन्य सुरक्षा चिंताओं के बारे में कई सवाल पूछे हैं.
कंपनी के सीईओ ने दिया रिएक्शन
इधर कंपनी के सीईओ सैम अल्टमैन ने गुरुवार शाम एक ट्वीट में कहा कि कंपनी एजेंसी के साथ काम करेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी की टेक्नोलॉजी सेफ और यूजर फ्रेंडली है और हमें विश्वास है कि हम कानून का पालन करेंगे. ऑल्टमैन ने यह भी कहा कि कंपनी यूजर्स की गोपनीयता की रक्षा करती है और अपने सिस्टम को दुनिया के बारे में जानने के लिए डिज़ाइन करती है, न कि निजी व्यक्तियों के बारे में.
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