MNP Rules: देश की सबसे लोकप्रिय टेलीकॉम कंपनियों में से एक रिलायंस जियो ने टेलिकॉम रेगूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI के सामने मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी यानी एमएनपी के लिए एक नया प्लान किया है. यह प्लान ग्राहकों के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन देश की बाकी दो बड़ी और लोकप्रिय टेलीकॉम कंपनियां एयरटेल और वोडाफोन-आइडियो ने जियो के इस प्लान का विरोध किया है. आइए हम आपको इस प्लान और विरोध का कारण बताते हैं.
जियो का नया प्रस्ताव
दरअसल, किसी भी मोबाइल नंबर को किसी दूसरे नेटवर्क पर पोर्ट कराने के लिए मौजूदा नियम के तहत पोस्टपेड ग्राहकों को अधितकम 10 रुपये तक की छूट मिलती है. इसका मतलब है कि अगर आप एक पोस्टपेड ग्राहक हैं और अपना नंबर पोर्ट कराना चाहते हैं, तो आपके मौजूदा कंपनी का बकाया बैलेंस 10 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
अगर सिम पर बकाया बैलेंस 10 रुपये से ज्यादा है तो आप अपना नंबर पोर्ट नहीं करा पाएंगे. हालांकि, अगर आपका बकाया 10 रुपये या उससे कम है, तो कंपनियां इसे नजरअंदाज कर देती है और ग्राहक नंबर किसी दूसरे नंबर पर पोर्ट करा लेते हैं.
अब फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक टेलिकॉम रेगूलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के समक्ष रिलायंस जियो ने 'ड्राफ्ट टेलीकम्युनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी का 9नां संशोधन) विनियम, 2023 पेश किया है. इसी के जरिए जियो ने अपने नए प्लान को पेश करते हुए प्रस्ताव रखा कि, पोस्टपेड ग्राहकों को नंबर पोर्ट कराने के लिए बकाया राशि में दी जाने वाली अधिकतम छूट को 10 रुपये से बढ़ाकर 100 रुपये कर देनी चाहिए.
एयरटेल और वी ने जताई आपत्ति
इसका मतलब है कि पोस्टपेड यूज़र्स की बकाया राशि अगर 100 रुपये या उससे कम है, तो वो किसी दूसरे नंबर पर पोर्ट करा सकें. हालांकि, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने जियो के इस प्लान का खुलकर विरोध किया. उनका कहना है कि इससे टेलीकॉम कंपनियों की रेवेन्यू पर काफी बुरा असर पड़ेगा. कंपनियों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ेगा. वहीं, जियो का कहना है कि इस नई प्रक्रिया से यूज़र्स को फायदा होगा, क्योंकि मौजूदा प्रक्रिया काफी मुश्किल है.
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