Telegram Spam Alert: पिछले 1 साल में टेलीग्राम (Telegram) के यूजर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है. वहीं इसके बढ़ते यूज को देखते हुए साइबर क्रिमिनल्स (Cyber Criminals) अब इस प्लेटफॉर्म के जरिए भी लोगों को अपना शिकार बनाने लगे हैं. हाल ही में पता चला है कि हैकर्स (Hackers) टेलीग्राम मैसेंजेर ऐप (Telegram Messenger App) का डुप्लीकेट बनाकर आपके पीसी और मोबाइल (Mobile) को हैक कर रहे हैं. इसके बाद आपकी पर्सनल और बैंकिंग डिटेल्स (Banking Details) चुराकर नुकसान पहुंचा रहे हैं. आइए आपको विस्तार से बताते हैं क्या है खतरा और किस तरह रह सकते हैं सेफ.
क्या है खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स (Hackers) अलग-अलग माध्यमों से यूजर्स को लिंक (Link) भेजते हैं. इस लिंक पर क्लिक करने के बाद टेलीग्राम (Telegram) का डुप्लीकेट ऐप इंस्टॉल हो जाता है. इसके बाद हैकर्स इस ऐप के जरिए पर्पल फॉक्स मैलवेयर (Purple Fox Malware) ट्रांसफर करते हैं. ये मैलवेयर एंटी-वायरस सिस्टम को भी बायपास कर देते हैं. यानी एंटी-वायरस (Anti-Virus) भी इस मैलवेयर (Malware) को रोकने में सफल नहीं होता. रिसर्च में ये भी सामने आया है कि अधिकतर केस में ईमेल पर आए लिंक या फिर फिशिंग वेबसाइट के जरिए यह नकली टेलीग्राम ऐप फोन में इंस्टॉल हो जाता है.
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फोन में बना देता है फोल्डर
रिपोर्ट में कहा गया है कि नकली टेलीग्राम ऐप इंस्टॉलर के पास एक कम्पाइल्ड AutoIt (एक फ्रीवेयर BASIC जैसी स्क्रिप्टिंग भाषा) स्क्रिप्ट में एंटर करता है. इसे "Telegram Desktop.exe" कहा जाता है. यह हमले का पहला चरण है. इसके बाद यह मैलवेयर फोन में "TextInputh" नाम का एक नया फोल्डर बना देता है.
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इन बातों का रखें ध्यान
- ईमेल, मैसेज या व्हाट्सऐप पर आने वाले किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें.
- किसी भी संदिग्ध वेबसाइट पर विजिट करने से बचें.
- अगर टेलीग्राम ऐप इंस्टॉल करना है तो APK ऐप डाउनलोड करने से बचें.
- ऐप को सिर्फ गूगल प्ले स्टोर या ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें.