Twitter Transparency Report: ट्विटर ने कहा कि दुनिया भर की सरकारों ने पिछले साल जनवरी से जून के बीच रिकॉर्ड संख्या में यूजर्स अकाउंस से सामग्री को हटाने का अनुरोध किया था. प्लेटफॉर्म ने कहा कि नई ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, छह महीने की अवधि में सरकारों ने 196,878 अकाउंट्स से 43,387 कंटेंट हटाने के लिए कानूनी मांगें कीं.


ट्विटर ने कहा कि 2012 में कंपनी द्वारा पारदर्शिता रिपोर्ट जारी करना शुरू करने के बाद से यह एक रिपोर्टिंग अवधि में सरकारी निष्कासन अनुरोधों के साथ टारगेट अकाउंटस की सबसे बड़ी संख्या थी. 


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इन कानूनी मांगों में से 75 प्रतिशत पांच देशों से आए, जिनमें से सबसे अधिक जापान से आए, इसके बाद रूस, तुर्की, भारत और दक्षिण कोरिया का स्थान है. आपको बता दें कि ट्विटर चीन और उत्तर कोरिया समेत कई देशों में बैन है.


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ट्विटर ने कहा कि उसने इस अवधि में वैश्विक कानूनी मांगों के 54 फीसदी के जवाब में कुछ देशों में सामग्री तक पहुंच को "रोक दिया" या खाताधारकों को कंटेंट हटाने के लिए कहा. 


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"हम अभूतपूर्व चुनौतियों का सामना कर रहे हैं क्योंकि दुनिया भर की सरकारें तेजी से हस्तक्षेप करने और कंटेंट को हटाने का प्रयास कर रही हैं," ट्विटर के ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी और फिलेंट्रिपी के उपाध्यक्ष सिनैड मैकस्वीनी ने एक बयान में कहा. "निजता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए यह खतरा एक गहरी चिंताजनक प्रवृत्ति है जिस पर हमें पूरा ध्यान देने की आवश्यकता है."


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प्रमुख सोशल मीडिया कंपनियों को वैश्विक सरकारों और नियामकों की ओर से उनके द्वारा अपने प्लेटफॉर्म पर अनुमत सामग्री को लेकर चल रही जांच का सामना करना पड़ता है. पिछले एक साल में, ट्विटर को कंटेंट मॉडरेशन और रेगुलेशन को लेकर भारत से लेकर नाइजीरिया तक की सरकारों के साथ हाई-प्रोफाइल झगड़ों का सामना करना पड़ा है.