ई-कॉमर्स का सबसे बड़ा पोर्टल अमेजन अपने उस ईमेल को लेकर बैकफुट पर आ गया है जिसमें उसने अपने कर्मचारियों को तुरंत टिक-टॉक एप हटाने को कहा था. ईमेल भेजने के कुछ ही घंटों बाद अमेजन की तरह से सफाई दी गई कि मेल गलती से चला गया था.
अमेजन ने एक ईमेल कर कहा, ‘‘ आज सुबह कुछ कर्मचारियों को गलती से ईमेल भेजे गए. टिकटॉक के संबंध में फिलहाल हमारी नीतियों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.’’
अमेज़न प्रवक्ता जैकी एंडरसन ने एक मेल कर बताया कि वो मेल गलती से चला गया था और उसके बारे में सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया.
पहले भेज गए ईमेल में कर्मचारियों से टिकटॉक को हटाने के लिए कहा गया था. ईमेल में ऐप से ‘‘सुरक्षा खतरों’’ का हवाला दिया गया था. कंपनी के एक कर्मचारी ने इस प्रकार का मेल मिलने की पुष्टि की लेकिन उसने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि ईमेल को वापस नहीं लिया गया है.
अमेजन के हैं 8,40,000 से अधिक कर्मचारी
वॉलमार्ट के बाद अमेजन दूसरा सबसे बड़ा अमेरिकी निजी नियोक्ता है, जिसके दुनिया भर में 8,40,000 से अधिक कर्मचारी हैं, और टिक टॉक के खिलाफ जाने से ऐप पर दबाव बढ़ सकता है. चीनी इंटरनेट कंपनी ByteDance टिक टॉक के मालिक है. जिसे चीन के बाहर के यूजर्स के लिए डिज़ाइन किया गया है. पिछले महीने भारत और चीनी सैनिकों के बीच घातक सीमा झड़प के बाद भारत सरकार ने Tik Tok सहित 59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगा दिया. इस फैसले से चीनी इंटरनेट कंपनी ByteDance को 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.
भारत के बाद अमेरिका भी लगा सकता है चाइनीज एप पर बैन
दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी अब भारत की राह पर चलता नजर आ रहा है. हाल ही में अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने चीनी ऐप टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाए जाने के भारत के फैसले की तारीफ की थी. अब अमेरिका भी टिकटॉक समेत सभी चाइनीज ऐप पर प्रतिबंध लगा सकता है. पोम्पिओ ने कहा, अमेरिका टिकटॉक समेत 'चीनी सोशल मीडिया ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने' पर निश्चित रूप से विचार कर रहा है. ये बात पोम्पियो ने फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में कही थी.
चीन के 59 प्रतिबंधित एप्स को Google Play और Apple App Store से हटाया गया
सरकार ने जिन 59 एप्स को प्रतिबंधित किया था, उन्हें गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर ने भारत में हटा दिया है, जिससे देश में मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की इन एप तक पहुंच बंद हो गई है. भारत ने हाल ही में टिकटॉक, यूसी ब्राउज़र, शेयरइट और वीचैट सहित चीनी से संबंध रखने वाले 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाते हुए कहा था कि ये एप देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह से ग्रस्त थे.
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