ई-कॉमर्स कंपनी Amazon के कुछ द्वारा भारत में अपने कुछ लीगल रीप्रिजेंटेटिव्स के खिलाफ घूस संबंधी आरोप लगे हैं. जिसके बाद अब कंपनी ने इस मामले में कहा है कि वह अनुचित कार्यों के आरोपों को हल्के में नहीं लेती है और उचित कार्रवाई करने के लिए ऐसे कामों की अच्छे से जांच करती है. अमेजन ने आरोपों पर स्पष्टिकरण दिए बिना कहा कि कंपनी करप्शन को बर्दाश्त नहीं करती है. 


शुरू हुई जांच
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेजन ने भारत सरकार के अधिकारियों को कथित रूप से रिश्वत देने के लिए अपने कुछ कानूनी प्रतिनिधियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. यही नहीं बल्कि कंपनी ने अपने सीनियर कॉर्पोरेट वकील को छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया है. 


"करप्शन नहीं है बर्दाश्त"
इस मामले पर अमेजन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम करप्शन को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करते हैं. हम गैरकानूनी कामों के आरोपों को गंभीरता से लेते हैं, उनकी अच्छे से जांच करते हैं. साथ ही उचित कार्रवाई करते हैं. हम इस वक्त आरोपों या किसी भी जांच की स्थिति पर कमेंट नहीं कर रहे हैं.


"गंभीरता से लेती हैं कंपनियां"
जानकारों के मुताबिक अमेजन जैसी अमेरिकी कंपनियां ‘व्हिसलब्लोअर' की शिकायतों को गंभीरता से लेती हैं. खासतौर पर ऐसी शिकायतें जो बिजनेस को बनाए रखने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की होती हैं. यह कॉरपोरेट प्रशासन नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध रहते हैं. 


अमेजन के खिलाफ चल रही जांच
अमेजन का ये मामला ऐसे वक्त पर उजागर हुआ है, जब कंपनी कथित प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं, वेंडर्स के तरजीही व्यवहार को लेकर फेयर ट्रेड रेगूलेटर, कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) की इन्वेस्टिगेशन को फेस कर रही है. यही नहीं अमेजन का फ्यूचर ग्रुप के बीच भी कानूनी विवाद जारी है. 


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