Android Rafel RAT Malware: चेक पॉइंट रिसर्च (सीपीआर) ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें एंड्रॉयड मैलवेयर के बारे में जानकारी दी गई है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि राफेल आरएटी नाम का एंड्रॉयड मैलवेयर दुनियाभर में लाखों यूजर्स को टारगेट कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, रिमोट एडमिनिस्ट्रेशन टूल (आरएटी) की मदद से जासूसी से लेकर रैनसमवेयर हमलों को अंजाम दिया गया है.
सीपीआर रिपोर्ट में बताया गया है कि इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका, चीन और इंडोनेशिया में देखने को मिला है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से हड़कंप मच गया है. आरएटी की जांच करने पर सीपीआर को इससे जुड़े लगभग 120 कमांड और कंट्रोल सर्वर का पता चला है.
किन डिवाइस पर मंडरा रहा खतरा?
सीपीआर रिपोर्ट के मुताबिक, राफेल मैलवेयर सैमसंग, शाओमी, वीवो और हुआवेई डिवाइसेज को अफेक्ट कर रहा है. इन सभी मोबाइल कंपनी की दुनियाभर के बाजारों में बड़ी हिस्सेदारी है. सबसे ज्यादा चिंता करने वाली बात यह है कि 87 फीसदी से अधिक एंड्रॉयड डिवाइस को ये मैलवेयर इफेक्ट कर चुका है.
रिसर्चर्स ने ऐसे तीन सिनेरियो को पेश किया है जिसमें पता चलता है कि इन सबके पीछे राफेल मैलवेयर का हाथ है.
- राफेल के द्वारा विक्टिम्स की फाइल्स को एन्क्रिप्ट करना.
- लीक हुए Two factor Authentication (2FA) संदेश से 2FA बाईपास को सक्षम करते हैं
- राफेल के कमांड और कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर को होस्ट करने वाली पाकिस्तान की सरकारी वेबसाइट के साथ समझौता होना.
अपने डिवाइस को मैलवेयर से कैसे बचाएं?
राफेल जैसा मैलवेयर आपके और आपके डिवाइस के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह आपके डिवाइस से जरूरी जानकारी को बड़ी आसानी से गलत काम के लिए यूज कर सकता है. इन सब चीजों से बचने के लिए आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना होगा.
- गूगल प्ले स्टोर से उन्हीं ऐप्स को इंस्टाल करें जिनपर आपको यकीन हो.
- जब भी कोई ऐप डाउनलोड करें उसे गूगल प्ले स्टोर जैसे सोर्स से ही करें.
- अपने फोन में ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को हमेशा अपडेट रखें.
- इसके अलावा ट्रस्टेड मोबाइल सिक्योरिटी एप्लीकेशन का इस्तेमाल करें.
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