लंबे इंतजार के बाद अब एंड्रॉयड फोन्स में भी आईफोन की तरह MagSafe वायरलेस चार्जिंग की सुविधा मिलने वाली है. वायरलेस पावर कंसोर्टियम (WPC) ने बताया है कि Qi2 चार्जिंग अब पहले से अधिक फोन में उपलब्ध होगी. सैमसंग और गूगल के फोन्स में यह सुविधा सबसे पहले मिलेगी. बता दें कि एंड्रॉयड फोन यूजर्स लंबे समय से इस अपडेट का इंतजार कर रहे थे. अब Qi2 वायरलेस चार्जिंग स्टैंडर्ड के साथ उनका इंतजार खत्म होने जा रहा है.
क्या है Qi2 वायरलेस चार्जिंग स्टैंडर्ड?
Qi2 ने पुराने Qi की जगह ली है. यह पहले से तेज और एफिशिएंट चार्जिंग देगा. इस टेक्नोलॉजी में मैग्नेटिक रिंग को चार्जर के साथ अलाइन करना पड़ता है. ऐपल 2023 से इसी टेक्नोलॉजी को यूज कर रही है. अब सैमसंग और गूगल ने भी इस टेक्नोलॉजी को यूज करने की बात कही है. सैमसंग ने कहा कि उसके गैलेक्सी फोन साल की दूसरी छमाही से Qi2 को सपोर्ट करना शुरू कर देंगे. गैलेक्सी S25 सीरीज भी स्पेशल केस के जरिये इसे सपोर्ट कर सकती है.
गूगल ने कही यह बात
गूगल ने कहा है कि वह इस टेक्नोलॉजी को और बेहतर बनाने पर काम कर रही है. Qi 2.2 में गूगल का उद्देश्य क्रॉस-ब्रांड कंपेटिबिलिटी को सफल बनाना है. अगर गूगल इसमें सफल रहती है तो किसी दूसरी कंपनी के चार्जर से भी एंड्रॉयड फोन को चार्ज किया जा सकेगा. इससे पता चलता है कि आगे चलकर गूगल के पिक्सल और दूसरे एंड्रॉयड स्मार्टफोन में यह टेक्नोलॉजी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगी.
Qi2 आने से क्या बदल जाएगा?
ऐपल पिछले कुछ समय से MagSafe का एफिशिएंटली यूज कर रही है. एंड्रॉयड फोन्स भी वायरलेस चार्जिंग को सपोर्ट करते हैं, लेकिन इनमें चार्जिंग काफी धीमी होती है. Qi2 आने से यह बदल जाएगा. Qi2 में मैग्नेटिक अलाइनमेंट सिस्टम का यूज कर एंड्रॉयड डिवाइस फास्टर चार्जिंग को सपोर्ट कर सकेंगे.
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