क्या एंड्रॉयड मोबाइल में आपको एंटी वायरस इंस्टॉल करना चाहिए? जानिए क्या कहते हैं सिक्योरिटी चीफ
Smartphone Tips: भारत में अधिकतर यूजर्स एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीदने के बाद उसमे एंटी वायरस इंस्टॉल करना जरूरी समझते हैं. इस चक्कर में अच्छे स्मार्टफोन अक्सर स्लो हो जाते हैं.
Anti Virus Apps for Smartphones: भारत में अधिकतर यूजर्स एंड्रॉयड स्मार्टफोन खरीदने के बाद उसमें एंटी वायरस इंस्टॉल करना जरूरी समझते हैं. इस चक्कर में अच्छे खासे स्मार्टफोन अक्सर स्लो हो जाते हैं. ऐसे में आपको जानना जरूरी है कि स्मार्टफोन यूजर्स को एंटी वायरस यूज करने की जरूरत है या नहीं. एंड्रॉयड के सिक्योरिटी चीफ एडरियन लुडविग ने हाल ही में गूगल के एक डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस में कहा कि एंड्रॉयड डिवाइस के लिए एंटी-वायरस ऐप्स बेकार हैं और इनसे यूजर्स को कोई फायदा नहीं होता है.
लुडविग ने कहा कि एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम में पहले से ही मजबूत सुरक्षा फीचर होते हैं जो मैलवेयर और वायरस से बचाने के लिए पर्याप्त हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एंटी-वायरस ऐप्स अक्सर बैटरी लाइफ कम करते हैं. इस वजह से आपका मोबाइल हैंग भी करता है.
एंड्रॉयड के इन्बिल्ट सिक्योरिटी सिस्टम रोकते हैं मैलवेयर
गूगल प्ले प्रोटेक्ट
गूगल प्ले प्रोटेक्ट एंड्रॉयड के लिए गूगल का इनबिल्ट सिक्योरिटी सिस्टम है. यह प्ले स्टोर से डाउनलोड किए गए सभी ऐप्स को स्कैन करता है और मैलवेयर से बचाने में मदद करता है. कैशे और दूसरी जंक फाइल्स को रिमूव करने के लिए एंटी वायरस पैकेज मददगार साबित हो सकते हैं. हालांकि थोड़ी जानकारी हो तो एंड्रॉयड यूजर्स आसानी कैशे और दूसरी जंक फाइल्स आसानी से रिमूव कर सकते हैं
एंड्रॉयड में कैसे आते हैं वायरस
एंड्रॉइड डिवाइस में सबसे ज्यादा मैलवेयर Google Play Store के माध्यम से आते हैं. जिसके माध्यम से यूजर्स अपने डिवाइस पर ऐप डाउनलोड करते हैं. Google Play Store पर मौजूद ऐप्स को सुरक्षा के लिए स्कैन किया जाता है, फिर भी कुछ ऐसे ऐप्स सुरक्षा प्रणालियों को चकमा देने में सफल हो जाते हैं और Google Play Store पर उपलब्ध हो जाते हैं.
ईमेल अटैचमेंट: एमएमएस और एपीके फाइल के जरिए भी एंड्रॉयड में वायरस आते हैं. मैसेजिंग एप व्हाट्एप और टेलीग्राम पर भी हैकर्स खतरनाक कोड भेजकर स्मार्टफोन में मैलवेयर इंजेक्ट करते हैं.
थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर: Google Play Store के अलावा, कई थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर भी हैं जहां से यूजर्स ऐप डाउनलोड कर सकते हैं. इन थर्ड-पार्टी ऐप स्टोर पर मौजूद ऐप्स में वायरस होते हैं, जिससे ये फ़ोन में चले जाते हैं.
एंटी वायरस का क्या है काम
- वायरस स्कैनिंग: ये ऐप आपके डिवाइस और एसडी कार्ड को वायरस और मैलवेयर के लिए स्कैन करते हैं. यदि कोई खतरा पाया जाता है, तो ऐप आपको सूचित करेगा और इसे हटाने में आपकी मदद करेगा.
- रियल-टाइम सुरक्षा: ये ऐप आपके डिवाइस को रीयल-टाइम में सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसका मतलब है कि वे आपके द्वारा डाउनलोड किए जाने वाले किसी भी ऐप या फ़ाइल को स्कैन करते हैं और यदि कोई खतरा पाया जाता है, तो उसे आपके डिवाइस पर इंस्टॉल होने से रोकते हैं.
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