App store से बेटिंग ऐप्स फिलहाल नहीं हटाएगी एपल, सरकार से मांगा सॉलिड रीजन
एपल फिलहाल सट्टेबाजी से जुड़े ऐप्स को ऐप स्टोर से नहीं हटाएगी. कंपनी ने भारत सरकार से इन ऐप्स को हटाने के लिए सॉलिड रीजन मांगा है. एंड्रॉइड फोन से ये ऐप्स हटाए जा चुके हैं.
Bettings Apps: एपल ने भारत सरकार के आदेश को मानने के लिए सरकार से ठोस सबूत या यूं कहें सॉलिड रीजन मांगा है. दरअसल, फरवरी में MeitY ने एपल और एंड्रॉइड मेकर्स को कुछ बेटिंग ऐप्स ऐप स्टोर और प्ले स्टोर से हटाने के लिए कहे थे. इसके जवाब में एपल ने सरकार से सॉलिड रीजन मांगा है कि क्यों ऐसा किया जाना चाहिए. ET की रिपोर्ट के मुताबिक, एपल ने कहा की कुछ बेटिंग ऐप्स भारत के अलावा अन्य देशो में भी उपलब्ध हैं और ये लीगल पॉलिसी के तहत आते हैं, ऐसे में इन्हें सिर्फ भारत में बैन करना तबतक ठीक नहीं होगा जब तक कंपनी को इसका सॉलिड रीजन नहीं मिल जाता.
MietY ने कुल 138 बेटिंग ऐप्स को बैन करने की लिस्ट जारी की थी. इसमें से कुछ ऐप्स को कंपनी ने डिलीट कर दिया है जबकि अभी भी Betway, BetNetix और Bet Analytix नाम के बेटिंग ऐप स्टोर पर मौजूद हैं. ये ऐप्लिकेशन्स प्लेस्टोर से गूगल ने हटा दिए हैं. खैर, एपल भी सरकार के आदेशों को मानने के लिए तैयार है लेकिन कंपनी ने भारत सरकार से इसका सॉलिड रीजन मांगा है.
एपल के पास ये तीन ऑप्शन मौजूद
भारत सरकार के आदेश के खिलाफ एपल के पास तीन ऑप्शन मौजूद हैं. या तो कंपनी सरकार के आदेश को न मानने के पीछे लीगल और सॉलिड रीजन दे सकती है, या सरकार को कोर्ट में चुनौती दे सकती है, जैसा ट्विटर ने पिछले साल किया था या फिर सरकार के आदेश को चुपचाप मान लें. पिछले साल भारत सरकार ने ट्विटर को प्लेटफार्म से किसान आंदोलन और कोरोना से निपटने से संबंधित सामग्री को हटाने के लिए कहा था. इसके जवाब में ट्विटर ने सरकार को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
दरअसल, भारत सरकार इन बेटिंग ऐप्स को इसलिए सभी जगह से हटाना चाहती है क्योकि ये IT एक्ट 69a का वॉयलेशन कर रहे हैं साथ ही इनमें ऐसी जानकारी मौजूद है जो देश की संप्रभुता और अखंडता के लिए खतरा बन सकती है.
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