टेक दिग्गज Apple की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. दरअसल, कंपनी पर आरोप लगा है कि उसकी वॉच के स्ट्रैप्स में खतरनाक केमिकल होते हैं, जिससे कैंसर समेत कई बीमारियां हो सकती हैं. हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों का खंडन किया है. बता दें कि कुछ दिन पहले ऐसी रिपोर्ट्स आई थीं कि स्मार्टवॉचेज के साथ आने वाले स्ट्रैप्स में हानिकारक PFHxA एसिड होता है, जो कैंसर का कारण बन सकता है. आइये पूरा मामला जानते हैं.


Apple पर लगे गंभीर आरोप


मुकदमे में कहा गया है कि Apple के Ocean, Nike Sport और Sport वॉच बैंड में बड़ी मात्रा में खतरनाक परफ्ल्यूरोअल्काइल और पॉलीफ्ल्यूरोअल्काइल सब्सटांस (PFAS) पाए गए हैं. इन्हें फॉरेवर केमिकल के नाम से भी जाना जाता है. इनकी वजह से कैंसर, जन्मजात दोष और बांझपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ये ऐसे केमिकल होते हैं, जो इंसानी शरीर और पर्यावरण में बने रहते हैं. इसलिए इन्हें फॉरेवर केमिकल नाम दिया गया है. 


Apple की सफाई पर्याप्त नहीं


Apple लंबे समय से कहती आई है कि उसकी वॉच के बैंड एक सिंथेटिक रबर फ्ल्यूरोइलास्टोमर से बने हैं. इसमें फ्ल्यूरीन है, लेकिन कोई भी खतरनाक PFAS केमिकल नहीं है. कंपनी का कहना है कि फ्ल्यूरोइलास्टोमर सुरक्षित हैं और इसे हेल्थ स्टैंडर्ड के हिसाब से तैयार किया गया है. हालांकि, मुकदमे में इन दावों को चुनौती देते हुए कहा गया है कि Apple ने यह बात छिपाई है कि फ्ल्यूरोइलास्टोमर वाले बैंड्स में PFAS और दूसरे ऐसे मैटेरियल लगे हैं, जिससे बीमारियां हो सकती हैं.


कई कंपनियों पर लगे थे आरोप


कुछ दिन पहले आई एक रिपोर्ट्स में सामने आया था कि बड़ी कंपनियों की स्मार्टवॉचेज बैंड में PFHxA की मात्रा अधिक होती है. रिसर्च में शामिल किए गए बैंड्स में इसकी औसतन मात्रा 800 पार्ट्स पर बिलियन (ppb) पाई गई, जो कॉस्मेटिक में होने वाली औसतन मात्रा से 4 गुना ज्यादा है. एक मामले में तो यह 16,000 ppb मिली थी. इस रिसर्च में गूगल, सैमसंग, ऐपल और फिटबिट जैसी कई बड़ी कंपनियों की स्मार्टवॉचेज का टेस्ट किया गया था. 


ये भी पढ़ें-


Budget 2025 से राहत की उम्मीद, Smartphone और इन प्रोडक्ट्स की कीमतें हो सकती हैं कम, लोगों को होगा फायदा