Apple: पिछले कुछ वर्षों में भारत के हजारों-लाखों एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूज़र्स ने एंड्रॉयड छोड़ एप्पल के आईफोन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसका मतलब साफ है कि पिछले कुछ महीनों और सालों से भारत में एप्पल डिवाइस यानी आईफोन की मांग काफी तेजी से बढ़ी है, जिसका असर और सबूत एप्पल के रेवेन्यू पर भी पड़ा है. एप्पल इंडिया ने 8 बिलियन डॉलर का रिकॉर्ड एनुअल रेवेन्यू रिकॉर्ड की है. यह एप्पल इंडिया द्वारा किसी एक वर्ष में किया गया अब तक का सबसे ज्यादा रेवेन्यू है. 


एप्पल की रेवेन्यू ने बनाया रिकॉर्ड


आपको बता दें कि पिछले साल एप्पल इंडिया की रेवेन्यू 6 बिलियन डॉलर थी, लेकिन अब वो करीब 33% तक बढ़कर 8 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है. रॉयटर्स की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के मुताबिक भारत में आधे से भी बिक्री आईफोन से हुई है. इसका मतलब है कि एप्पल इंडिया को इस साल जो 8 बिलियन डॉलर की रेवेन्यू मिली है, उसमें आधे से ज्यादा योगदान सिर्फ आईफोन का है. 


भारत में जैसे-जैसे लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है, वैसे-वैसे ज्यादातर लोग एंड्रॉयड डिवाइस छोड़कर आईफोन का विकल्प चुन रहे हैं. हालांकि, अगर भारत के ओवरऑल स्मार्टफोन मार्केट की बात करें तो एप्पल अभी भी सबसे आगे नहीं है, लेकिन अल्ट्रा-प्रीमियम डिवाइस की कैटेगरी में सबसे ज्यादा प्रॉडक्ट्स बेचने वाली कंपनी एप्पल ही है.


एप्पल भारत में अपने इस खास रिकॉर्ड को और भी बड़ा और विशाल बनाने की कोशिश कर रहा है. एयरटेल देश में कंपनी के स्वामित्व वाले नए रिटेल स्टोर खोलने की प्लानिंग भी कर रही है. इसके अलावा अगर ग्राहक अपने किसी एप्पल प्रॉडक्ट को अपनी जरूरत और पसंद के अनुसार कस्टमाइज़ कराना चाहते हैं, तो वो भारत में एप्पल के ऑनलाइन स्टोर पर जाकर कस्टमाइज़ेशन के लिए भी ऑर्डर कर सकते हैं. 


चीन में 9 गुना ज्यादा एप्पल का रेवेन्यू


यहां पर गौर करने की वाली बात यह है कि एप्पल ने इस साल भारत में 8 बिलियन डॉलर का रेवेन्यू जेनरेट किया है, लेकिन भारत के पड़ोसी देश चीन में पिछले वित्त वर्ष के दौरान एप्पल ने 72.6 बिलियन डॉलर की रेवेन्यू बनाई थी, जो भारत के मुकाबले करीब 9 गुना ज्यादा है. इसका मतलब है कि एप्पल के पास भारत में विकास करने की गुंजाइश अभी भी काफी ज्यादा है.


फिलहाल, एप्पल भारत में सिर्फ आईफोन की बनाता है, लेकिन भारत सरकार चाहती है कि एप्पल भारत में सिर्फ आईफोन ही नहीं बल्कि और भी अन्य प्रॉडक्ट्स को बनाए. ऐसे में एप्पल आने वाले सालों में अपने अन्य प्रॉडक्ट्स को भी भारत में ही बना सकता है, जिससे भारत के लोगों के लिए अन्य प्रॉडक्ट्स की कीमत भी कम हो जाएगी और इसका असर भी एप्पल के रेवेन्यू पर पड़ सकता है.


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