Apple Lockdown Mode: एपल अपने नए ओएस iOS 16 में एक नया लॉकडाउन मोड पेश करने जा रहा है. एपल का लॉकडाउन मोड Cupertino-Based तकनीक का हिस्सा है. इस फीचर से आईफोन की सिक्योरिटी बढ़ जाती है. हालांकि हाल ही में आई एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, एपल के नए लॉकडाउन मोड में ऑनलाइन ब्राउजिंग के वक्त आईफोन डिवाइस की प्राइवेसी कम हो जाएगी. अब इसमें कितनी सच्चाई है यह जानने के लिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.


लॉकडाउन मोड क्या होता है?


Lockdown Mode (लॉकडाउन मोड) एक एक्सट्रीम सिक्योरिटी सेटिंग है, जिसे हाई रिस्क वाले लोगों जैसे पत्रकार, राजनेता, सेलिब्रेटी के लिए तैयार किया गया है. ये वे लोग हैं, जिनपर साइबर अटैकर्स का खतरा सबसे ज्यादा होता है. यह फीचर ब्लॉकिंग मैसेज अटैचमेंट्स और वेब टेक्नोलॉजिस जैसे कई फंक्शन्स को निष्क्रिय (Disable) करने में सक्षम है.


Lockdown Mode में कमी


Motherboard की एक रिपोर्ट के अनुसार, लॉकडाउन मोड का फीचर का रिस्ट्रिक्शन मेथड वेबसाइट्स को यह ढूंढने में सहायता कर सकता है कि कौन इस हाई-सिक्योरिटी सेटिंग का इस्तेमाल कर रहा है. AppleInsider की एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार भी एपल डिवाइस में मौजूद लॉकडाउन मोड यूजर्स को सेफ तो करेगा, लेकिन फिर भीड़ में उनको ढूंढना भी आसान बना देगा.


यूजर्स की प्राइवेसी को कैसे होगा खतरा?


रिपोर्ट के अनुसार, अगर फोन में कस्टम फॉन्ट्स टाइप का कोई रेगुलर फीचर्स मिस होगा तो वेबसाइट्स को उसका पता चल जाएगा. इस प्रॉसेस को फिंगरप्रिंटिंग नाम दिया गया है, लेकिन कंपनी के अनुसार कस्टम फॉन्ट्स की वजह से लॉकडाउन मोड का पता लगाने का कोई तुक नहीं बनता है. अगर यह लूप सच होता है तो ऐसे में, वेबसाइट्स आईफोन के लॉकडाउन स्टेट्स से खुद को कनेक्ट करके यूजर्स के आईपी एड्रेस का भी पता लगा सकती हैं. इस रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि यह समस्या एपल डिवाइस के हाई-रिस्क सिक्योरिटी मोड को एक प्राइवेसी रिस्क में तब्दील कर सकती है.


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