AC Auto Mode : अगर आपके घर या ऑफिस में एसी है तो आपने देखा होगा कि AC यानी एयर कंडीशनर में कई मोड होते हैं. AC में एक ऑटो मोड भी होता है, सभी मोड का मिक्सचर होता है. अगर कोई अपने एसी को ऑटो मोड पर स्विच करता है तो ड्राई मोड , हीट मोड और कूल मोड भी एक्टिव हो जाते हैं. ऑटो मोड रूम के टेम्प्रेचर के अनुसार फैन स्पीड और टेंपरेचर को खुद ही सेट कर लेता है. ऑटो मोड में कम्प्रेसर और फैन कब ऑन होगा, कब बंद होगा, कितनी देर चलेगा ये सभी चीजे एसी आटोमेटिक करता है. ऑटो मोड एक अच्छा वातावरण बनाए रखने में मदद करता है.


कैसे काम करता है ऑटो मोड?


ऑटो मोड में, एयर कंडीशनर के सेंसर कमरे में तापमान की लगातार निगरानी करते हैं और उसी के अनुसार सेटिंग्स एडजस्ट करते हैं. जब कमरे का तापमान अधिक होता है, तो यूनिट चालू हो जाती है और हवा को ठंडा करना शुरू कर देती है. जब तापमान नॉर्मल पर पहुंच जाता है, तो एयर कंडीशनर अपने आप बंद हो जाता है. इसी तरह, अगर कमरे में नमी अधिक है, तो एयर कंडीशनर हवा में नमी को कम करने के लिए डीह्यूमिडिफिकेशन मोड को एक्टिव कर देता है. जब नामी का स्तर नॉर्मल हो जाता है, तो यूनिट डीह्यूमिडिफिकेशन मोड को बंद कर देती है. 


क्या यह मोड बिजली बचाता है? 


आप एसी के ऑटो मोड के लिए अपने अनुसार कोई भी टेम्प्रेचर सेट कर सकते हैं. टेंपरेचर सेट करने के बाद, अगर आप ऑटो मोड पर एसी चलाएंगे तो वे उसी टेम्प्रेचर पर चलेगा, जिसे आपने सेट किया हुआ है. ऑटो मोड पर AC चलाने से आपको स्टेबल और कम्फर्टेबल कूलिंग तो मिलेगी ही लेकिन साथ में बिजली की बचत भी होगी. एयर कंडीशनर लगातार काम नहीं करेगा, बल्कि केवल तभी काम करेगा जब टेंपरेचर ज्यादा हो जाएगा. इससे यह ऊर्जा की खपत को कम करने और बिजली के बिलों पर पैसे बचाने में मदद कर सकता है.


किस एसी में आता है ऑटो मोड? 


ऑटो मोड आमतौर पर विंडो और स्प्लिट एयर कंडीशनिंग दोनों पर उपलब्ध होता है, और अक्सर कई आधुनिक एसी पर एक डिफ़ॉल्ट सेटिंग होती है. हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एयर कंडीशनर के मेक और मॉडल के आधार पर ऑटो मोड का संचालन भिन्न हो सकता है.


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