(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Ayodhya Ram Mandir: भक्तों की सुरक्षा के लिए इन हाई टेक गैजेट्स का किया जाएगा इस्तेमाल, AI भी करेगा मदद
महज 2 दिन बाद अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में रखी गई रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इसदिन हजारों की संख्या में यहां लोग पहुंचेंगे. 100 से ज्यादा चार्टर्ड फ्लाइट्स का अयोध्या में लैंड होने का अनुमान है.
Pran Pratishtha: सोशल मीडिया के माध्यम से आप सभी ने रामलला की मूर्ति अब तक जरूर देख ली होगी. इसे काले पत्थर से बनाया गया है जिसे फिलहाल गर्भगृह में रखा गया है. महज 2 दिन बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी समेत कई बड़े नेताओं के शामिल होने की खबर है. कई VVIP मेहमान भी इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचेंगे. हजारों की संख्या में आ रहे राम भक्तों की सुरक्षा के लिए सरकार ने कड़े इतंजाम किए हैं. कई हाई टेक गैजेट्स का इस्तेमाल राम मंदिर और भक्तों की सुरक्षा के लिए किया गया है. जगह-जगह पर सैनिकों और NSG कमांडो की भी मुस्तैदी की की गई है.
रामलला के प्राण प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण न्यूयॉर्क शहर के टाइम्स स्क्वायर में भी किया जाएगा. क्योकि ये एक भव्य और बड़ा इवेंट होने वाला है इसलिए लोगों की सुरक्षा के लिए भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. DOT और सरकार ने कई हाई टेक गैजेट्स लोगों की सुरक्षा के लिए ग्राउंड पर तैनात किए हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में.
इन गैजेट्स का किया गया है इस्तेमाल
क्रैश-रेटेड बोलार्ड्स
बोलार्ड्स किसी भी बिल्डिंग को बड़ी गाड़ियों के अटैक से बचाते हैं. कोई गाडी मंदिर परिसर से न टकराए इसके लिए जगह-जगह पर इन बोलार्ड्स का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही ये इमरजेंसी सिचुएशन में भी काम आते हैं. ये बोलार्ड्स जन्मभूमि पथ और बूम बैरियर से गुजरने वाले किसी भी वाहन को स्कैन कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर वाहनों को रोक भी सकते हैं.
टायर किलर्स
इनका इस्तेमाल रोड पर किया जाता है ताकि अनऑथोराइज़्ड गाड़ियों को दूर से ही रोक लिया जाए और वे मंदिर के आस-पास न पहुंच पाएं.
AI CCTVs
अयोध्या में राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 10,000 से ज्यादा CCTVs लगाएं गए हैं. इनमें से कुछ कैमरे AI का इस्तेमाल करते हुए संदिग्ध लोगों की पहचान मौके पर कर पाएंगे. मंदिर परिसर में लगे कैमरे 90 दिनों तक की रिकॉर्डिंग को स्टोर करके रख सकते हैं.
एंटी- ड्रोन टेक्नोलॉजी
राम मंदिर परिसर और इसके आस-पास का पूरा एरिया नो ड्रोन जोन में रखा गया है. एंटी ड्रोन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मंदिर की सुरक्षा की जाएगी और यदि कोई अनऑथोराइज़्ड ड्रोन या फ्लाइंग दिखती है तो इसे रेडियो फ्रीक्वेंसी की मदद से मौके पर ही ध्वस्त किया जाएगा. ये टेक्नोलॉजी कमांड प्रोटोकॉल के आधार पर व्यक्तिगत ड्रोन मॉडल की पहचान और उन पर कार्रवाई भी कर सकती है.
इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम
पूरे कार्यक्रम के स्मूथ वर्किंग के लिए अयोध्या के आस-पास 20 जगह इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके तहत ही सारा मूवमेंट होगा और VVIPs की सुरक्षा का खास ध्यान रखा जाएगा. सभी जगह एक बूथ बनाया गया होगा जो सीधे कंट्रोल रूम से कनेक्टेड होगा, यदि कोई गलत एक्टिविटी नजर आती है तो फौरन उसपर कार्रवाई की जाएगी.
AI और ML का किया जाएगा इस्तेमाल
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करते हुए अधिकारी क्राउड मूवमेंट के हिसाब से जरूरी बदलाव सुरक्षा व्यस्था आदि में करेंगे ताकि कार्यक्रम बिना किसी परेशानी के पूरा हो सके. पूरे कार्यक्रम में CCTVs अहम भूमिका निभाने वाले हैं.
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