(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Battleground Mobile India क्या लॉन्च से पहले ही होगा बैन? इन नेताओं ने उठाए लॉन्चिंग पर सवाल
अरुणाचल प्रदेश के विधायक Ninong Ering के बाद अब कई और नेताओं ने Battleground Mobile India की लॉन्चिंग पर सवाल उठाए हैं. नेताओं ने गेम बनाने वाली कंपनी के चीन के साथ संबंध होने पर चिंता जताई है.
PUBG के शौकीन इसके नए अवतार Battleground Mobile India के भारत में लॉन्च होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब जब इसकी लॉन्चिंग करीब है तो इस पर संकट के बादल छा रहे हैं. देश के कई नेता इसे लॉन्च होने से पहले ही बैन करने की मांग कर रहे हैं. दरअसल तेलंगाना के सांसद धर्मपुरी अरविंद, गढ़चिरौली के सांसद अशोक नेटे और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेश नखुआ समेत कई नेताओं ने इसके लॉन्च पर सवाल उठाए हैं.
नेताओं ने दी ये दलील
इन नेताओं का कहना है कि Battleground Mobile India बनाने वाली साउथ कोरियन कंपनी क्राफ्टन ने कहा था कि कंपनी ने भारत में गेम के डिस्ट्रिब्यूशन के लिए चीन की Tencent के साथ अपने रिश्ते खत्म कर लिए हैं. हालांकि, Tencent ही क्राफ्टन के साथ बाकी देशों में पबजी का वितरण करती है. ऐसे में क्राफ्टन के गेम बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया को लॉन्च करना चिंता का विषय है. आरोप ये भी हैं कि पबजी के नए अवतार बैटलग्राउंड मोबाइल में थोड़ा सा फर्क करके इसे रीलॉन्च किया जा रहा है. यही नहीं इसे इंडिया एडिशन के नाम पर लॉन्च करके सिर्फ भ्रम पैदा किया जा रहा है.
ये बोले सिंघवी
कांग्रेस के कद्दावर नेता अभिषेक सिंघवी ने भी पबजी के रीलॉन्च को लेकर चिंता जताई है. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार 'PUBG 2' को लॉन्च करने की परमिशन देकर युवाओं को मिसगाइड कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले इसे बैन कर दिया और फिर 15.5 फीसदी चीनी हिस्सेदारी के साथ कंपनी में आने की इजाजत दे दी है.
Ninong Ering ने लिखा था पीएम मोदी को पत्र
इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के विधायक Ninong Ering ने पीएम मोदी को चिट्टी लिखकर Battleground Mobile India को बैन करने की मांग की थी. उनके अनुसार ये गेम PUBG का ही वर्जन है. Ering का कहना था कि बैटलग्राउंड मोबाइल इंडिया बनाने वाली कंपनी ने उसी कंपनी Tencent के ही एंप्लॉइज को हायर किया है, जो चीन की कंपनी है. इसके अलावा उन्होंने बताया कि क्राफ्टन की तरफ से घरेलू गेमिंग कंपनी Nodwin में करीब 22.4 मिलियन डॉलर का निवेशन किया है गया है और ये एक गंभीर विषय है.
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