मेरठ में रहने वाली सुप्रिया को एक ऑनलाइन साड़ी पसंद आयी. हालांकि वो उनके लिये नई वेबसाइट थी लेकिन सेल में होने की वजह से उन्होंने साड़ी खरीद ली. लेकिन जब साड़ी डिलीवर हुई तो वैसे नहीं थी जैसा ऑनलाइन दिखाई थी. बाद में कस्टमर केयर को कॉल किया तो वो लगा नहीं और ईमेल करने पर कंपनी के ओर से जवाब आया कि प्रोडक्ट में कोई खराबी नहीं और वहीं प्रोडक्ट डिलीवर किया है जो वेबसाइट पर दिखाया था. सुप्रिया को बाद में बहुत पछतावा हुआ कि उन्होंने नॉन ऑथेंटिक वेबसाइट से शॉपिंग करके अपने पैसे क्यों गंवाये. अगर आप भी ऑनलाइन शॉपिंग में नकली प्रोडक्ट खरीदने से बचना चाहती हैं तो नीचे लिखी 10 बातों का जरूर ध्यान रखें
सही वेबसाइट से करें शॉपिंग
कई बार फ्रॉड वेबसाइट ऑरिजिनल प्रोडक्ट शो करती हैं लेकिन डिलीवर नकली प्रोडक्ट करती हैं. ऐसे में सबसे जरूरी है कि आप पॉपुलर वेबसाइट जैसे एमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा या दूसरी बड़ी वेबसाइट से ही शॉपिंग करें. ये सारी वेबसाइट मल्टी ब्रांड हैं जहां आपको सारा सामान मिलेगा. आप चाहें तो किसी प्रोडक्ट की अपनी वेबसाइट से भी शॉपिंग कर सकते हैं
रिटर्न पॉलिसी जरूर चेक करें
फ्रॉड प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट की रिटर्न पॉलिसी सही नहीं होती और वो डिलीवरी के बाद रिटर्न करने में आनाकानी करते हैं. जबकि असली वेबसाइट पर रिटर्न पॉलिसी होती है जिसके तहत आपको प्रोडक्ट अगर पसंद ना आये या नकली लगे तो रिटर्न कर सकते हैं
ऑनलाइन रिव्यू और फीडबैक देखें
अगर किसी वेबसाइट से आप पहली बार शॉपिंग कर रहे हैं तो ऑनलाइन उसके रिव्यू जरूर चेक करें. ज्यादातर फ्रॉड प्रोडक्ट बेचने वाली वेबसाइट के ऑनलाइन रिव्यू बहुत खराब होते हैं और उनके नकली प्रोडक्ट के बारे लोगों ने फीडबैक दे रखा होता है. साथ ही ऑनलाइन खरीददारी करते वक्त हमेशा चेक करना चाहिए कि जहां से प्रोडक्ट को खरीद कर रहे हैं उसका फिजिकल एड्रेस, ईमेल, फोन नंबर और कॉन्टैक्ट डिटेल होना चाहिये
फेक वेबसाइट के झांसे में ना आयें
ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड फेक वेबसाइट से होता है. अगर आपको वॉट्सएप या किसी और लिंक से किसी वेबसाइट पर हैवी डिस्काउंट और डील का ऑफर मिले तो समझ जायें कि ये फ्रॉड है. इन मैसेज के साथ एक लिंक होता है जिसके थ्रू आपको शॉपिंग करनी होती है. लेकिन ये लिंक कोई वायरस हो सकता है या आपको किसी नकली वेबसाइट पर ले जा सकती है.
प्रोडक्ट खरीदने से पहले क्रॉसचेक करें
जो प्रोडक्ट आप किसी ई कॉमर्स साइट से खरीदें उसका मॉडल एक बार ऑफिशियल साइट पर देख लें. जैसे किसी ब्रांड का कपड़ा खरीद रहे हैं तो उस ब्रांड की वेबसाइट पर वो प्रोडक्ट चेक कर लें अगर ऑनलाइन मोबाइल खरीद रहे हैं तो बॉक्स के पर लिखे IMEI नंबर को देखें और इस नंबर को फोन के ब्रांड की ऑफिशियल वेबसाइट से मिलाएं या फिर आप डायरेक्ट कस्टमर केयर को कॉल करके भी IMEI नंबर मिला सकते हैं
स्मार्ट कंज्यूमर ऐप की हेल्प लें
खाने –पीने के नकली प्रोडक्ट की पहचान के लिए फूड रेगुलेटर FSSAI के स्मार्ट कंज्यूमर ऐप की हेल्प ले सकते हैं. इस ऐप से QR code स्कैन करके QR नंबर रजिस्टर करना होगा. इसके बाद प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग डिटेल हासिल हो जाएगी. इस तरह प्रोडक्ट के असली और नकली होने की पहचान की जा सकेगी. इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. इलेक्ट्रॉनिक और FMCG कंपनी नकली प्रोडक्ट से बचाव के लिए QR कोड और होलोग्राम बनाती हैं जिसके जरिए असली नकली की पहचान हो सकती है.
ब्रांड की स्पैलिंग और लोगो देखें
नकली सामान की पहचान कंपनी के लोगो और स्पैलिंग से की जा सकती है। नकली सामान बेचने वाली कंपनी सेम लोगो बनाती हैं लेकिन वो ऑरिजिनल नहीं होते. कई बार नाम की स्पैलिंग में बहुत थोड़ा सा अंतर होता है. इसलिये ऑनलाइन प्रोडक्ट का लोगो और स्पेलिंग की भी सही से चेक करना चाहिये.
ज्यादा डिस्काउंट वाला प्रोडक्ट हो सकता है नकली
ऑनलाइन खरीददारी करते टाइम ज्यादा डिस्काउंट के लालच में ना आयें. सेल में कई बार एमआरपी पर 70-80% का मैक्सिमम डिस्काउंट मिलता है लेकिन अगर किसी प्रोडक्ट पर इससे ज्यादा डिस्काउंट मिल रहा है ही तो समझ जायें कि आइटम नकली है.
कंज्यूमर कोर्ट की मदद लें
अगर आपके पास नकली प्रोडक्ट आ गया है और कंपनी उसको रिटर्न नहीं कर रही तो आप कंज्यमर कोर्ट जा सकते हैं. ग्राहकों के साथ होने वाले फ्रॉड को बचाने के लिये कंज्यूमर कोर्ट है. ऐसे में आप ऑनलाइन ठगी होने पर कंज्यूमर कोर्ट में केस डाल सकते हैं.