सावधान! हेडफोन से हो रही हैं भयानक बीमारी, बचना है तो अपनाएं ये तरीका
टेक्नोलॉजी के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से आज हम सभी की लाइफ काफी आसान हो गई है लेकिन इससे कई तरह की ऐसी परेशानियां हो रही हैं जो तुरंत नज़र नहीं आती. लंबे समय तक हेडफोन लगाने से ऐसी कई बीमारियां हो रही हैं. आइये जानते हैं.
कोरोना की वजह से ज्यादातर लोग अपने घर से ही ऑफिस का काम कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को घंटों हेडफोन या ईअरफोन इस्तेमाल करना पड़ रहा है. लंबे समय तक लगातार हेडफोन का इस्तेमाल करने से हर दिन नई दिक्कतें भी सामने आ रही हैं. डॉक्टरों का कहना है कि अब ज्यादा केस ऐसे आ रहे हैं जिसमें लोग लंबे समय तक फोन या हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं. इससे कानों में दर्द और दूसरी परेशानियां शुरु हो जाती हैं. इतना ही नहीं कई लोगों की धीरे–धीरे सुनने की क्षमता भी कम हो रही है.
ऑनलाइन पढ़ाई शुरु होने की वजह से बच्चों को भी कान से जुड़ी परेशानियां हो रही हैं. स्टूडेंट्स को ऑनलाइन क्लासेस के लिए ईयरफोन का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. ऐसे में छात्रों के कानों में दर्द, परेशानी और संक्रमण की शिकायतें ज्यादा आ रही हैं.
डॉक्टर्स का कहना है कि पिछले 7-8 महीनों से हेडफोन और ईयरपॉड का इस्तेमाल कई घंटों तक बढ़ गया है, जिससे कान की समस्याओं की शिकायतें भी बढ़ गई हैं. सभी शिकायतें सीधे तौर पर लंबे समय से तक हेडफोन इस्तेमाल करने से जड़ी हैं.
रोजाना 5-10 लोग हो रहे हैं शिकार
आपको बता दें कि हर दिन 5 से 10 लोग इस तकलीफ का शिकार होते हैं. डॉक्टर्स का कहना है कि ज्यादातर लोग काम करने के लिए आठ घंटो से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं. इससे कानों पर काफी जोर पड़ता है. और लगातार तेज आवाज सुनने से सुनने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है.
कितना हानिकारक है हेडफोन लगाना
डॉक्टर्स का कहना है कि अगर लोगों ने अपनी आदत समय रहते नहीं बदली तो कानों को स्थायी नुकसान पहुंच सकता है. हमारे कान में ईयर वैक्स की वजह से कीटाणु प्राकृतिक रुप से मरते हैं. ये वैक्स हमारे कानों को संक्रमण से बचाती है. कई बार हेडफोन लगाने से कान में खुजली होने लगती है जिसके लिए हम ईअरबड का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इससे कान में मौजूद वैक्स हट जाता है और कान के आंतरिक हिस्से को कीटाणुओं के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
बच्चे हेडफोन के इस्तेमाल से बचें
अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उन्हें हेडफोन का इस्तेमाल ही नहीं करना चाहिए.
अगर छात्र लैपटॉप या कंप्यूटर पर ऑनलाइन पढ़ाई करते हैं तो इनकी आवाज ही काफी होती है.