BSNL: देश में कई टेलिकॉम कंपनियां मौजूद हैं जिन्हें हर साल कई गुना मुनाफा होता है. वहीं हालही में जियो (Reliance Jio), एयरटेल (Airtel) और वीआई (Vi) ने अपने प्रीपेड रिचार्ज प्लान्स की कीमतें भी बढ़ी दी हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि सरकारी टेलिकॉम कंपनी बीएसएनएल के पास खुद का बड़ा मोबाइल नेटवर्क मौजूद है.
वहीं बीएसएनएल के मोबाइल टॉवरों का यूज करके जियो, एयरटेल और वीआई जैसी कंपनियां अच्छा मुनाफा कम रही हैं. जी हां, हैरना मत होइए, यह सच है. अब सवाल उठता है जब बीएसएनएम के पास खुद इतना बड़ा नेटवर्क है तो वह 5जी सर्विस में पीछे क्यों रह गया? आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से.
BSNL क्यों है पीछे
दरअसल, BSNL एक सरकारी टेलिकॉम है. वहीं बीएसएनएल के पास मोबाइल टावर तो मौजूद है लेकिन इन्हें टेक्नोलॉजी अपडेट की जरूरत है. वहीं जैसा की आपको पता है कि यह एक सरकारी टेलिकॉम कंपनी है जिसे टेक्नोलॉजी अपडेट होने के लिए समय लगता है. ऐसा इसलिए क्योंकि बीएसएनएल सरकारी अप्रूवल और फंड के बीच में फंस जाता है.
इसी वजह से पिछले कई सालों से बीएसएनएल टेक्नोलॉजी में पिछड़ता गया है और इसे बड़े पैमाने पर घाटा भी हुआ है. हालांकि अब बीएसएनएल ने अपनी टेक्नोलॉजी अपडेट की रफ्तार तेजी हुई है और सरकारी फंड और अप्रूवल का भी काम फटाफट हो रहा है.
घाटे को कम करने के लिए मोबाइल टावर किराए पर
बीएसएनएल को कई वर्षों से बड़ा घाटा हो रहा है. ऐसे में टेलिकॉम कंपनी ने अपने घाटे को कम करने के लिए अपने बड़े मोबाइल टावर नेटवर्क का इस्तेमाल किया है. कंपनी ने अपने मोबाइल टावर को किराए पर देना शुरू किया था जिसके बाद से बीएसएनएल को काफी फायदा भी हुआ है.
जानकारी के अनुसार मोबाइल टावर किराए पर देने से BSNL का घाटा कम हुआ है. बता दें कि 2019-20 में बीएसएनएल का घाटा करीब 15,500 करोड़ रुपये था जो 2023-24 में कम होकर 3371 करोड़ रुपये रह गया है.
किसे पास हैं कितने मोबाइल टावर
देश में रिलायंस जियो, एयरटेल और बीएसएनएल जैसी टेलिकॉम कंपनियों के पास अपने मोबाइल टावर मौजूद हैं. रिलायंस जियो की वेबसाइट के अनुसार, जियो के पास कुल 5.32 लाख 4G LTE नेटवर्क बेस स्टेशन मौजूद हैं. DOT की रिपोर्ट के अनुसार BSNL के पास 30 अगस्त 2023 तक करीब देश में 68,049 मोबाइल टावर थें. इसके साथ ही एयरटेल के पास करीब 42053 टेलिकॉम मोबाइल टावर मौजूद हैं.
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