सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल यूजर्स को दिया झटका! कंपनी डीएक्टिवेट नंबर को कर सकेंगी दूसरे को जारी
Supreme Court : ट्राई के नियम के अनुसार अभी तक टेलीकॉम कंपनी 90 दिन तक बंद रहने वाले नंबर को डीएक्टिवेट करके किसी दूसरे यूजर को अलॉट कर देती है.
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट की ओर से मोबाइल यूजर्स के लिए एक बुरी खबर आई है, अब जिन मोबाइल यूजर्स को नंबर 90 दिन तक बंद रहेगा, उसे टेलीकॉम कंपनी बिना किसी रोकटोक के किसी दूसरे यूजर को अलॉट कर सकेंगी. आपको बता दें इस प्रोसेस को रोकने के लिए वकील राजेश्वरी ने न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की सुप्रीम कोर्ट की बेंच में एक याचिका दाखिल की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट की इस बेंच ने डेटा की गोपनीयता पर भी अपनी टिप्पणी की है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
90 दिन बाद डीएक्टिवेट नंबर का क्या होगा?
ट्राई के नियम के अनुसार अभी तक टेलीकॉम कंपनी 90 दिन तक बंद रहने वाले नंबर को डीएक्टिवेट करके किसी दूसरे यूजर को अलॉट कर देती है, जिसके विरोध में वकील राजेश्वरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ट्राई की ओर से सुप्रीम कोर्ट में वकील संजय कपूरी ने जवाब दिया और इससे सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह संतुष्ट दिखाई दी.
अपने हलफनामे में, ट्राई ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि DoT ने अप्रैल 2017 में दो निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया था कि “ग्राहक के अनुरोध पर गैर-उपयोग/डिस्कनेक्शन के लिए निष्क्रिय किए गए ग्राहक के सेलुलर मोबाइल टेलीफोन कनेक्शन को किसी अन्य ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाएगा.” निष्क्रियकरण/विच्छेदन की तारीख से न्यूनतम 90 दिनों की अवधि, या लाइसेंसधारी द्वारा निर्दिष्ट लंबी अवधि की समाप्ति तक."
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कही ये बात
सुप्रीम कोर्ट ने दायर याचिका को खारिज करते हुए कहा कि “हम वर्तमान रिट याचिका के साथ आगे बढ़ने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि ट्राई द्वारा दायर जवाबी हलफनामे से यह स्पष्ट है कि मोबाइल टेलीफोन नंबर, एक बार उपयोग न करने के कारण निष्क्रिय कर दिया गया या अनुरोध पर काट दिया गया. ग्राहक की, किसी नए ग्राहक को कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए आवंटित नहीं किया जाता है. यह पहले वाले ग्राहक पर निर्भर है कि वह गोपनीयता बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए.'
गोपनीय डेटा के उल्लंघन के बारे में याचिकाकर्ता की चिंता पर, पीठ ने कहा, “ग्राहक पिछले फोन नंबर से जुड़े व्हाट्सएप अकाउंट को हटाकर और स्थानीय डिवाइस मेमोरी/क्लाउड/ड्राइव पर संग्रहीत व्हाट्सएप डेटा को मिटाकर व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग को रोक सकता है.
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