What is Juice jacking? स्मार्टफोन हम सभी की जरूरत बन गया है. 24 घंटे में से 12 से 15 घंटे हम सभी इसे अपने पास ही रखते हैं. लगातार यूज करने पर इसकी बैटरी कम होती रहती है जो एक स्वाभाविक बात है. आप सभी के साथ ऐसा जरूर हुआ होगा कि आप कहीं ट्रेवल कर रहे हों और आपके फोन की बैटरी कम हो गई हो. इसे चार्ज करने के लिए हम सभी ऐसी स्थिति में पब्लिक चार्जिंग का सहारा लेते हैं. वैसे ये कोई बुरी बात नहीं है लेकिन इस डिजिटल युग में ऐसा करना आपकी सालों की मेनहत को बर्बाद कर सकता है. जरा समझिये कैसे?
ऐसे साफ होता है पैसा
दरअसल, पब्लिक चार्जिंग बूथ के जरिए हैकर्स या ठग लोगों के मोबाइल में मैलवेयर डालने का काम करते हैं. जैसे ही आप पब्लिक चार्जिंग पॉइंट पर जाकर यूएसबी को अपने फोन में लगाते हैं तो चार्जिंग के साथ-साथ मैलवेयर ट्रांसफर भी होने लगते हैं क्योकि यूएसबी केबल दोनों काम करती है. यानि चार्जिंग के साथ- ट्रांसफर. इस तरह से ठगी करने को Juice Jacking कहा जाता है. ऐसा जरुरी नहीं कि हर पब्लिक पॉइंट पर आपके साथ ऐसा हो लेकिन आजकल ये तरीके ठगों के द्वारा खूब यूज किया जा रहा है क्योकि वे डेटा के भूखे हो चुके हैं. बेहतर यही है कि आप अपना चार्जर लेकर चलें और सॉकेट से ही फोन को चार्ज करें.
Juice Jacking के जरिए हैकर्स आपके डेटा पर नजर, सेंसटिव डेटा को लीक या इसका गलत इस्तेमाल कर सकते हैं. आप सभी ये बात तो जानते ही हैं कि एक फोन नंबर पता लगने से आजकल कितना कुछ हो रहा है. ऐसे में फोन का डेटा पता होने से ठग आपके साथ कुछ भी कर सकते हैं. हमारी सलाह यही है कि आप इस डिजिटल युग में अपना फोन किसी को न दें और न ही पब्लिक चार्जिंग का इस्तेमाल करें.
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