ChatGPT: दुनिया भर में ओपन एआई के चैटबॉट 'चैट जीपीटी' ने सनसनी मचाई हुई है. टेक जाइंट गूगल के लिए तो मानो ये किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं है. कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले 1 से 2 सालों में ये चैटबॉट गूगल का सर्च बिजनेस खत्म कर देगा. हाल फिलहाल में आपने वो तमाम खबरें पढ़ी या देखी होंगी जिसमें ये बताया गया कि चैटबॉट को कई जगह बैन कर दिया गया है. भारत में भी बेंगलुरु की आरवी यूनिवर्सिटी ने इस चैटबॉट और अन्य AI टूल पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये चैटबॉट इतना सक्षम है कि ये एमबीए, लॉ जैसे कई एग्जाम को आसानी से अच्छे अंकों के साथ पास कर रहा है. इस बीच जो खबर सामने आई है वो आपको और चौंका देगी. 


ओपन एआई के चैटबॉट  'चैट जीपीटी' ने मेडिकल एग्जाम भी क्लियर कर लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, चैट जीपीटी ने यूएस मेडिकल लाइसेंसिंग एग्जाम को पास किया है. इस चैटबॉट को भले ही अच्छे ग्रेड एग्जाम में नहीं मिले रहे हैं, लेकिन ये औसत अंकों के साथ एग्जाम जरूर पास कर रहा है. चैट जीपीटी के मेडिकल एग्जाम को पास करने पर ट्विटर के सीईओ एलन मस्क ने एक ट्वीट कर अपना रिएक्शन दिया है.






ट्वीट कर कही ये बात


ट्विटर के सीईओ एलन मस्क सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. 'चैट जीपीटी' के मेडिकल एग्जाम को क्लियर करने पर एलन मस्क ने ट्वीट कर लिखा कि उन्हें यकीन है कि सब कुछ ठीक होगा. बता दें, चैट जीपीटी एक मशीन लर्निंग पर बेस्ड एआई टूल है जिसमें पब्लिकली मौजूद सारा डेटा फीड किया गया है. इस चैटबॉट से आप कुछ भी पूछ सकते हैं और ये आपको गूगल से बेहतर और आसान तरीके से सवालों का जवाब दे सकता है.


इस चैटबॉट को ओपन एआई ने बनाया है. इस कंपनी की शुरुआत 2015 में एलन मस्क और सैम अल्टमैन ने की थी. हालांकि बाद में एलन मस्क इस कंपनी से अलग हो गए थे. फिलहाल openAI  को माइक्रोसॉफ्ट का समर्थन प्राप्त है क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट खुद ये चाहता है कि वो गूगल को कम्पीट करें और उसके सर्च बिजनेस को कम करके टेक के क्षेत्र में गूगल का जो दबदबा है उसे मिनिमाइज करें. 


यह भी पढ़ें: 1 लाख की कीमत वाला फोन 44 हजार रुपये में... ये है सबसे सस्ता फोल्डेबल स्मार्टफोन