ओपन एआई ने पिछले साल नवंबर में अपने चैटबॉट, चैट जीपीटी को लॉन्च किया था. इस AI टूल ने महज 5 दिन में वो करिश्मा कर दिखाया जो बड़े बड़े टेक दिग्गज अपने टूल से नहीं कर पाए. सिर्फ 5 दिन में चैट जीपीटी ने 10 लाख लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया. इस टूल ने महज दो महीने के भीतर 100 मिलियन का आकड़ा पार किया और बीते अक्टूबर में चैटबॉट ने 1 बिलियन का यूजरबेस हासिल कर लिया था. समय के साथ कंपनी ने अपने चैटबॉट में कई अहम बदलाव किए हैं. पहले इस चैटबॉट का केवल फ्री वर्जन मौजूद था लेकिन आज ये चैटबॉट प्रीमियम वर्जन में भी उपलब्ध है जो अब देख, सुन और बोल सकता है.
सिर्फ टॉपिक सर्च ही नहीं, आप ये सब भी कर सकते हैं
ओपन एआई के चैटबॉट से आप सिर्फ टॉपिक सर्च ही नहीं बल्कि पोएम, ईमेल, जोक्स, लेटर, कोडिंग, पढ़ाई, कल्चर, वॉइस असिस्टेंट समेत कई काम कर सकते हैं. कंपनी ने चैटबॉट का मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है जो प्रीमियम यूजर्स को बोलकर सवाल करने की सुविधा देता है. सवाल को सुनने के बाद ये चैटबॉट आपको बोलकर ही जवाब देगा. साथ ही आप फोटो के माध्यम से भी इस चैटबॉट से कुछ भी पूछ सकते हैं.
चैट जीपीटी से ही बना पाएंगे खुद का चैटबॉट
कुछ समय पहले हुए ओपन एआई के DevDay डेवलपर इवेंट में कंपनी ने कई घोषणाएं की. ओपन एआई ने कहा कि अब चैट जीपीटी यूजर्स इस टूल की मदद लेकर अपने खुद का AI टूल बना पाएंगे. इससे भी खास बात ये है कि आप बिना कोडिंग के अपना चैटबॉट बना सकते हैं. सामान्य तौर पर किसी भी प्रोडक्ट को बनाने के लिए लंबे-लंबे कोड्स लिखने की जरूरत होती है लेकिन ओपन एआई ने इस जरूरत को खत्म कर दिया है और यूजर्स को चैट जीपीटी के अंदर एक GPT Builder टूल दिया है. फिलहाल ये टूल केवल जीपीटी प्लस यूजर्स के लिए जारी किया गया है. यानि फ्री यूजर्स को इसका एक्सेस नहीं मिलेगा.
उदाहरण से समझिए
जैसे अगर किसी व्यक्ति या कंपनी को सिर्फ मार्केटिंग से रिलेटेड काम-काज करना होता है तो आप अपने GPT में मार्केटिंग से जुड़े डेटा को डाल सकते हैं ताकि जब इसे सम्बंधित यूजर्स यूज करें तो उनका काम हो जाए. इससे एंड यूजर्स को ये फायदा होगा कि उन्हें अपने काम की इनफार्मेशन तत्काल मिलेगी और उन्हें इधर-उधर नहीं जाना होगा. इसी तरह आप खुद का ट्रेवल गाइड GPT, बोर्ड गेम सिखाने वाला जीपीटी, मैथ पढ़ाने वाला जीपीटी आदि कुछ भी बना सकते हैं. GPT बिल्डर को सॉफ़्टवेयर लिखने और निष्पादित करने के लिए वेब ब्राउज़िंग, DALL-E और OpenAI के कोड इंटरप्रेटर टूल तक पहुंच प्रदान की जा सकती है, साथ ही ये खुद को प्रशिक्षित करने के लिए प्राकृतिक भाषा का उपयोग कर सकता है.
इतना ही नहीं, यूजर्स अपना चैटबॉट बनाने के बाद इसे GPT स्टोर पर भी डाल सकते हैं. जैसे-जैसे आपके चैटबॉट को लोग यूज करने लगेंगे, इससे होने वाली कमाई का कुछ हिस्सा कंपनी आपको भी देगी.
यह भी पढ़ें:
बिना चार्जिंग केबल के चार्ज होगा Oneplus 12, भारत में इस दिन हो रही एंट्री