ChatGPT Misuse : जब चैट जीपीटी नया नया ट्रेंड में बना था तो हमनें खबरें सुनी थी कि इसका इस्तेमाल स्टूडेंट्स अपने होम वर्क को पूरा करने के लिए कर रहे हैं. इसके बाद, कई स्कूल और यूनिवर्सिटी ने चैट जीपीटी को बैन कर दिया था. फिर कुछ लोगों ने चैट जीपीटी से कठिन पारक्षाओं के प्रश्न पत्र भी सॉल्व करवाए, इसमें एआई ने अच्छा स्कोर किया. यहां तक सब थोड़ा कंट्रोल में था, लेकिन अब सामने आई खबर हैरान करने वाली है. चैट जीपीटी का इस्तेमाल सिविल सर्विसेेज के एस्पिरेंट ने सिस्टम को धोखा देने के लिए किया है.
सिविल सर्विस एस्पिरेंट ने किया ChatGPT का इस्तेमाल
तेलंगाना पब्लिक सर्विस कमीशन (TSPSC) वर्तमान में एक ऐसे घोटाले की जांच कर रहा है, जो सबसे बड़े धोखाधड़ी घोटालों में से एक हो सकता है. देश में पहली बार, किसी सिविल सर्विस एस्पिरेंट ने सिस्टम को धोखा देने के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों में से एक, पूला रमेश (तेलंगाना राज्य के इंजीनियर) ने असिस्टेंट एक्जीक्यूटिव इंजीनियर (AEE) और मंडल लेखा अधिकारी (DAO) के लीक हुए प्रश्न पत्रों का उत्तर देने के लिए ChatGPT का इस्तेमाल किया. शख्स उत्तरी विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एक डिवीजनल इंजीनियर है.
चीटिंग के लिए ब्लूटूथ ईयरबड्स का लिया सहारा
रिपोर्ट के अनुसार, चीटिंग के लिए ब्लूटूथ ईयरबड्स का सहारा लिया गया. इस प्लान का रमेश को ही मास्टरमाइंड माना जा रहा है. रिपोर्ट से पता चला है कि उसने 22 जनवरी और 26 फरवरी को आयोजित दो अलग-अलग परीक्षाओं के दौरान सात उम्मीदवारों को उत्तर देने के लिए एक बड़ा प्लान बनाया था. इन सात लोगों ने अपनी सीट को सुरक्षित करने के लिए 40 लाख रुपये की चौंका देने वाली राशि दी थी. कथित अपराधी 35 उम्मीदवारों को उनकी संबंधित परीक्षाओं में नकल करने में मदद करके 10 करोड़ रुपये कमाने का टारगेट बना रहा था.
प्रिंसिपल ने रमेश को लीक किए पेपर
परीक्षा केंद्र में शामिल एक प्रिंसिपल रमेश को प्रश्न पत्रों की फोटो लीक कर रहा था. अब लीक हुए प्रश्नों का सही जवाब निकालने के लिए रमेश ने चैटजीपीटी का इस्तेमाल किया, और ब्लूटूथ ईयरबड के सहारे से पेमेंट करने वाले उम्मीदवारों को उत्तर भेजे.
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