ChatGPT Can Work in Google: टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में पिछले कुछ महीनों से AI का खास जिक्र किया जा रहा है. पिछले साल ओपन एआई ने नवंबर में अपना चैटबॉट 'चैट जीपीटी' लॉन्च किया था जिसके बाद अन्य AI टूल भी सुर्खियों में आएं. महज एक हफ्ते में इस चैटबॉट ने वो कर दिखाया जो पहले कभी किसी ने नहीं किया. ओपन एआई का ये चैटबॉट इतना सक्षम और टू-द-पॉइंट है कि ये हर सवाल में गूगल से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है. इस बीच जो खबर सामने आई है वो आपको और चौंका देगी.  दरअसल, ओपन एआई का चैटबॉट गूगल में आसानी से एंट्री लेवल कोडर की नौकरी कर सकता है. जी हां, ये एकदम सच है और ये बात हम नहीं बल्कि गूगल की एक इंटरनल रिपोर्ट में सामने आई है. गूगल में एंट्री लेवल कोडर्स की सैलरी सालाना करीब 18 लाख के आस-पास है.


इंजीनियरों का काम आसानी से कर रहा 'चैट जीपीटी'


बता दें, गूगल ने पिछले साल ही इस चैटबॉट को खुद के लिए रेड अलर्ट घोषित कर दिया था. कई जानकारों का मानना है कि आने वाले 1 से 2 साल में ये चैटबॉट गूगल का सर्च बिजनस आधा कर देगा.ओपन एआई का चैट जीपीटी कोडिंग आसानी से कर रहा है जिसकी वजह से कोडर्स के मन में अपनी नौकरी जाने का डर बैठा हुआ है. इधर, चैटबॉट खुद ये कहता है कि वो इंसानों की नौकरी नहीं खा सकता क्योंकि इंसान और AI में बहुत फर्क है. लेकिन गूगल की एक रिपोर्ट में कुछ अलग ही बात सामने आई है जो कोडर्स के डर को और बड़ा देगी. 


सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल अपने एक बीटा चैटबॉट जोकि गूगल कन्वर्सेशन टेक्नोलॉजी LaMDA पर आधारित है उसकी टेस्टिंग गूगल में एंट्री लेवल सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट को रीप्लेस करने के लिए कर रहा था. जब इसके परिणाम यानी LaMDA के रिजल्ट चैट जीपीटी से कंपेयर किए गए तो जो बात सामने आई वो हैरान करने वाली थी. दरअसल, ओपन एआई के चैटबॉट 'चैट जीपीटी' को गूगल के एंट्री लेवल कोडर की नौकरी के लिए ज्यादा अंक मिले जबकि गूगल का LaMDA कई मायनों में कमजोर साबित रहा. 


क्या नौकरी खा सकते हैं AI टूल


इस टेस्ट के दौरान गूगल के इंजीनियर्स ने LaMDA और चैट जीपीटी दोनों से ये सवाल पूछा कि क्या AI टूल कोडर्स की नौकरी खा सकते हैं?  इसके जवाब में दोनों ही AI टूल ने 'नो' कहा. गूगल के AI टूल ने कहा कि चैट जीपीटी और LaMDA कोडर्स की नौकरी नहीं खा सकते क्योकि प्रोग्रामिंग एक टीम स्पोर्ट है जिसमें थिंकिंग, क्रिएटिविटी और डेटा साइंस की डीप नॉलेज चाहिए होती है. AI टूल इन सब में इंसानो से आगे नहीं है. इसलिए AI टूल्स किसी की नौकरी नहीं खा सकते. इसी तरह का जवाब चैट जीपीटी ने भी दिया था. 


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