Cyber Fraud Case: देश में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी है रही है. एडवांस हो रही टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल अब साइबर ठग भी कर रहे है. हाल ही में एक मामला यूपी से सामने आया, जहां पर पुलिस ने एक ऐसी गैंग का पर्दाफाश किया है, जो लोगों को बिना भनक लगे उनके अकाउंट से लाखों की ठगी कर लेते थे.
ये गैंग बड़ी आसानी से लोगों के चेकबुक, साइन, मोबाइल नंबर और बैंक से जुड़े जरुरी डॉक्यूमेंट्स को बड़ी आसानी से अपने कबजे में ले लेते थे. अब बड़ा सवाल उठता है कि आखिर बिना OTP दिए हमारे बैंक अकाउंट से कैसे पैसे निकाले जा सकते हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
कई राज्यों में कर चुके साइबर ठगी
सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस के मुताबिक, ये साइबर ठगी गैंग क्लोनिंग चेक का यूज करके अंजाम दी जाती थी. ये गैंग दिल्ली, एमपी, हरियाणा, छत्तीसगढ़ के अलावा देश के कई हिस्सों में एक्टिव थे और कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं.
पुलिस ने इनके पास से 33 सिम कार्ड, 12 चेकबुक, 20 पासबुक, 14 खुले चेक के अलावा 42 मोबाइल फोन बरामद किए हैं. इस गैंग के लोग सिक्योरिटी चेकिंग से बचने के लिए कार के डेशबोर्ड पर दिल्ली पुलिस की कैप रखते थे.
पुलिस के मुताबिक, जो लोग गिरफ्तार हुए उनमें से कुछ बैंक से जुड़े है और कुछ टेलीकॉम कंपनियों के एजेंट थे. इस तरह एक दूसरे की सहायता से इस ठगी को अंजाम दिया जा रहा था.
कैसे काम करता है ये गैंग
यह गैंग पहले कस्टमर की चेकबुक को बड़ी ही चालाकी से उड़ाता था और चैकबुक को बैंक में पहुंचने से पहले ही गायब कर देते थे. जब कस्टमर इसको लेकर शिकायत दर्ज करता था तो पुरानी चैकबुक को कैंसिल कर नई चेकबुक जारी की जाती थी. इस तरह गैंग के पास नई चेकबुक की सारी डिटेल्स सामने आ जाती थी.
गैंग एक केमिकल का इस्तेमाल कर चेकबुक से पुरानी डिटेल्स हटाकर नई डिटेल्स प्रिंट कर देता था और कस्टमर के फर्जी साइन का यूज कर पैसे निकाल लेता था. इस तरह कस्टमर ने कहा कि उन्हें बैंक की तरफ से कोई मैसेज नहीं आया और बैंक से रुपये कट गए है. बाद में जब कस्टमर ने अपने पासबुक को अपडेट कराया तो उसे पता चला कि बैंक अकाउंट से 15 लाख रुपये उड़ा लिए गए हैं.
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