Dark Web and Child Trafficking: आज दुनिया भर में इंटरनेट और ब्राउजर का इस्तेमाल होता है. छोटी चीज से लेकर बड़ी चीज के लिए भी हर व्यक्ति इंटरनेट और ब्राउजिंग पर ही निर्भर है. इंटरनेट हमारी लाइफस्टाइल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. अब चाहे सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो, या किसी प्रकार की जानकारी हासिल करनी हो, हमें हर तरह से इंटरनेट की ही आवश्यकता होती है. इस तरह इंटरनेट के हर क्षेत्र में बहुत फ़ायदे हैं. मगर जिस चीज के फायदे आते हैं वह चीज नुकसान भी साथ लाते है. इंटरनेट और ब्राउजिंग का बड़ा नुकसान डार्क वेब (Dark Web) है जिससे चाइल्ड ट्रैफिकिंग होती है. आइए जानते हैं ये डार्क वेब होता कैसे है.
जानिए Dark Web के बारे में
डार्क वेब एक ऐसा ब्राउज़र (Browser) है जहां गैर कानूनी और गलत कामों को किया जाता है. आपको बता दें कि डार्क वेब पर ड्रग्स और हथियारों के कारोबार को भी अंजाम दिया जाता है. इसी के साथ यहां पर बच्चों की तस्करी (Child Trafficking) के केसेज भी सामने आए हैं. और इस बात को विभिन्न हिस्सों में प्रूव भी किया गया है. डार्क वेब को पासवर्ड से प्रोटेक्ट नहीं किया जाता बल्कि इसमें एन्क्रिप्टेड कोड यूज किया जाता है. इस तरह ये समाज के लिए एक घातक बीमारी के रूप में है जिससे बहुत से गैर कानूनी कामों को अंजाम दिया जाता है.
डार्क वेब पर होती है Child Trafficking
डार्क वेब पर बहुत सी वेबसाइट्स हैं जिनको एक साथ 'Alphabay' का नाम दिया गया है यही नाम डार्क वेब में प्रचलित है. इसमें बहुत से ग्रुप हैं जैसे की 'Black Death Group' और 'Child Play'. ये ग्रुप छोटे बच्चों पर Price Tag लगा देते हैं और फिर इनको डार्क वेब के द्वारा सेल और परचेज किया जाता है. खैर इस पर एक्शन लिया गया है और Interpol ने Alphabay को बंद करवाया है. मगर दुख की बात यह है की इसके जैसी बहुत सी और वेबसाइट्स हैं जहां चाइल्ड ट्रैफिकिंग को अंजाम दिया जाता है.
1.5 करोड़ की कमाई, हर बच्चे पर
यूरोपॉल की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में हर साल दो लाख से ज्यादा बच्चे चाइल्ड ट्रेफिकिंग का शिकार होते हैं और उनसे होने वाली कमाई हर बच्चे पर लगभग 1.5 करोड़ होती है. यही नहीं बच्चों का यौन शौषण भी किया जाता है और जिसकी लाइव स्ट्रीमिंग भी की जाती है.