AirDrop Security: एप्प्पल अपने iPhone में एयरड्रॉप सर्विस देती है जिसके जरिए यूजर्स एक iPhone से दूसरे iPhone, Mac पर अपना डेटा ब्लूटूथ, WiFi के जरिए शेयर कर सकते हैं. इससे डेटा तेजी से ट्रांसफर होता है और केबल्स की जरूरत नहीं पड़ती. आजकल व्लॉगर्स भी इसका इस्तेमाल करते हैं. इस बीच, ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में ये कहा गया है कि एप्पल की एयरड्रॉप सिक्योरिटी को चीन ने तोड़ लिया है. चीन की सरकार द्वारा समर्थित एक ऑर्गेनाइजेशन ने ये काम किया है. सिक्योरिटी ब्रेक करने की वजह से अब सरकार ये देख सकती है कि यूजर्स वायरलेस तरीके से किस तरह के डेटा को शेयर कर रहे हैं.
एप्पल अपने एयरड्रॉप सर्विस को हमेशा से सिक्योर बताते आई है और कंपनी यूजर्स का डेटा एन्क्रिप्टेड रखती है. हालांकि चीन की Beijing Municipal Bureau of Justice ने ये दावा किया है कि उन्होंने एयरड्रॉप की सिक्योरिटी को तोड़ या ब्रेक कर लिया है. चीन की इस संस्था ने कहा कि उन्होंने iPhone लॉग के जरिए ये चेक किया कि यूजर्स किस तरह के डेटा को ट्रांसफर कर रहे हैं. इस मेथड को संस्था ने 'टेक्नोलॉजिकल ब्रेकथ्रू' नाम दिया है और कहा कि वे इसके जरिए इलीगल डेटा को ट्रांसफर होने से रोकेंग.
सिक्योरिटी तोड़ने के पीछे चीन ने दिया ये रीजन
एयरड्रॉप की सिक्योरिटी ब्रेक करने के पीछे चीन ने ये कारण बताया कि इससे वे इलीगल केसेस को टाइम पर और एक्यूरेटली सॉल्व कर पाएंगे. बता दें, ऐसा पहली बार नहीं है जब एप्पल के एयरड्रॉप के साथ कोई प्रॉब्लम आई हो. इससे पहले 2021 में कुछ जर्मन रिसर्चर्स ने एयरड्रॉप में कमी ढूंढी थी जिसके बारे में उन्होंने कंपनी को भी बताया था लेकिन एप्पल ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया.
एयरड्रॉप ऐप की सिक्योरिटी ब्रेक करना यूजर्स की प्राइवेसी में खलल डालने जैसा कृत्य है. चीनी एजेंसी अब लोगों के निजी डेटा पर भी नजर रख सकती है क्योकि उसके पास ऐप का एक्सेस है.
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