(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चीन की चाल हुई फेल! स्पेस भेजा Elon Musk के तर्ज पर बना ‘Starlink’ रॉकेट, हो गए 300 टुकड़े
Tech News: 18 कियानफैन सैटेलाइट की सफलता के बाद चाइना का लॉन्ग मार्च 6A रॉकेट टूट कर बिखर गया है. यह अब पृथ्वी की लो अर्थ ऑर्बिट में 300 से अधिक टुकड़े में घूम रहा है.
China Rocket: चीन ने हालही में टेस्ला कंपनी के सीईओ एलन मस्क से प्रेरणा लेकर अपना एक रॉकेट स्पेस भेजा था जिसके फिलहाल 300 टुकड़े हो चुके हैं. अब यह स्पेस जंक बन चुका है. वहीं अमेरिकी अंतरिक्ष कमान (USSPACECOM) ने कहा कि 18 कियानफैन सैटेलाइट की सफलता के बाद चाइना का लॉन्ग मार्च 6A रॉकेट टूट कर बिखर गया है. यह अब पृथ्वी की लो अर्थ ऑर्बिट में 300 से अधिक टुकड़े में घूम रहा है. बता दें कि मंगलवार को लॉन्ग मार्च 6A रॉकेट को सैटेलाइट्स के साथ उत्तरी चीन के शांक्सी प्रांत में ताइयुआन सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्च किया गया था.
800 किमी तक पहुंच गया था रॉकेट
जानकारी के अनुसार चाइना का ये रॉकेट सैटेलाइट्स को लेकर करीब 800 किमी तक पहुंच गया था. वहीं इस सैटेलाइट को शंघाई में चीनी विज्ञान अकादमी में इनोवेशन द्वारा डिजाइन किया गया था.
कोई खतरा नहीं!
#USSPACECOM statement on the break-up of a Chinese Long March 6A rocket: pic.twitter.com/Kf5cz0iZky
— U.S. Space Command (@US_SpaceCom) August 8, 2024
USSPACECOM ने एक्स पर एक पोस्ट के जरिए बताया कि 6 अगस्त 2024 को लॉन्ग मार्च 6A रॉकेट के टूटने की पुष्टि हुई है. यह पृथ्वी की निचले कक्षा में करीब 300 से अधिक मलबों के साथ मौजूद है. वहीं फिलहाल इससे कोई खतरा नहीं है और अंतरिक्ष डोमेन अभी भी सुरक्षित है.
कैसा है चाइना का रॉकेट
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि चीन ने देश में बेहतर संचार सेवाएं देने के लिए 2023 में कियानफ़ान मेगा प्रोजेक्ट की शुरूआत की थी. वहीं शंघाई की कंपनी स्पेससेल द्वारा बनाया गया कियानफैन नेटवर्क लंबे समय में 15 हजार से भी ज्यादा लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) वाइड-स्क्रीन मल्टीमीडिया सेटेलाइट्स का नेटवर्क स्थापित करने की ताकत रखता है.
कंपनी इसमें से 2024 में करीब 108 सैटेलाइट्स को लॉन्च करने वाली है. वहीं 2025 के अंत तक कंपनी करीब 648 सैटेलाइट्स को लॉन्च करने की तैयारी में है. वहीं आपको बता दें कि स्पेसएक्स के स्टारलिंक अभी 6 हजार से ज्यादा सैटेलाइट्स को स्पेस में स्थापित कर चुका है. साथ ही इसके करीब 3 मिलियन से भी ज्यादा ग्राहक 100 देशों में मौजूद हैं.
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