Mobile Export: Xiaomi-Oppo करेंगे ‘मेड इन इंडिया’ फोन का एक्सपोर्ट, भारत को होगा फायदा?
Phone Manufacturing: चीन की शाओमी, ओप्पो और वीवो कंपनियां भी भारत में बन रहे मोबाइल फोन को अफ्रीका, मध्य-पूर्व, लैटिन अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों के साथ, पाकिस्तान में भी बिक्री कर सकती हैं.
Smartphone Manufacturing: इस समय भारत में कई विदेशी कंपनियां मोबाइल की मैन्युफैचरिंग कर रही हैं. जिनमें चीन की कंपनियां भी शामिल हैं. जानकारी के मुताबिक Oppo, Vivo और Xiaomi जैसी कंपनियां जल्द ही भारत में 'मेक इन इंडिया' प्रोग्राम के तहत बन रहे मोबाइल को ग्लोबल मार्केट में बिक्री के लिए निर्यात कर सकती हैं.
पहले कई बार किया रिजेक्ट
भारत में चीन की कई मोबाइल निर्माता कंपनियां है, जो स्मार्टफोन्स का उत्पादन करती हैं. इन मोबाइल की बिक्री अभी तक भारतीय बाजार तक ही सिमित थी. लेकिन खबरों के मुताबिक ये कंपनियां अब भारत में बने मोबाइल फोन के लिए ग्लोबल मार्केट के दरवाजे खोलने की योजना बना रही हैं. जिससे चीन का एक्सपोर्ट शेयर कम हो सकता है.
भारत सरकार ने कोविड-19 के समय और गलवान घाटी में चीन के रवैये को देखने के बाद, सरकार ने भारत में काम कर रहीं चीन की कंपनियों पर नकेल कसना शुरू कर दिया था. ये शायद उसी का नतीजा है. क्योंकि ये कंपनियां ,इससे पहले इस तरह के प्रस्ताव के लिए मना कर चुकी थी.
अन्य कंपनियां भी करती हैं एक्सपोर्ट.
सैमसंग और एपल पहले से ही भारत में बन रहे स्मार्टफोन की बिक्री ग्लोबल बाजार में करती हैं. इसीलिए चीन की शाओमी, ओप्पो और वीवो कंपनियां भी भारत में बन रहे मोबाइल फोन को अफ्रीका, मध्य-पूर्व, लैटिन अमेरिका और यूरोप के कुछ हिस्सों के साथ पाकिस्तान में भी इसकी बिक्री कर सकती हैं.
PLI स्कीम से मिलेगी मदद
भारत में मेन्युफैक्चरिंग करने वाली विदेशी कंपनियों के लिए सरकार की तरफ से PLI (Production Linked Insentive) के तहत कुछ छूट दी जाती है. इसी स्कीम के तहत ये कंपनियां भारत में बनाये जा रहे मोबाइल फोन के लिए विदेशी बाजार का रास्ता खोल सकती हैं. जो सैमसंग और एपल पहले से कर रहीं हैं. हालांकि इन कंपनियों के इस कदम के पीछे, सरकर की तरफ से बढ़ाये जा रहे दबाव के तौर पर भी देखा जा रहा है.
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