Apple और Samsung को पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी बेच रही बिजनेस, यह बड़ी वजह आई सामने
ऐपल, सैमसंग और शाओमी आदि बड़ी कंपनियों को स्मार्टफोन पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी विंगटेक अपना कारोबार बेच रही है. अमेरिकी ब्लैकलिस्ट में आने के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है.

ऐपल, सैमसंग और शाओमी जैसी बड़ी स्मार्टफोन कंपनियों को पार्ट्स सप्लाई करने वाली कंपनी विगंटेक टेक्नोलॉजी अपना बिजनेस बेच रही है. विंगटेक ने बताया कि वह अपना कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का बिजनेस ऐपल की सप्लायर कंपनी लक्सशेयर को बेचकर सेमीकंडक्टर बिजनेस पर ध्यान देगी. बता दें कि पिछले महीने अमेरिका ने विंगटेक को ट्रेड ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था. कंपनी ने अपना बिजनेस बेचने के कारणों में इसका भी जिक्र किया था. ब्लैकलिस्ट होने से कंपनी के व्यापार पर असर पड़ेगा.
कंपनी ने बताए ये कारण
कंपनी ने बताया कि भू-राजनीतिक वातावरण बदलने और कंपनी की जरूरत को देखते हुए वह बिजनेस बेच रही है. कंपनी ने लैपटॉप, स्मार्टफोन और टैबलेट के प्रोडक्शन में लगी अपनी 9 सब्सिडियरी को लक्सशेयर को बेचने का फैसला किया है. अब वह सिर्फ सेमीकंडक्टर बनाने पर ध्यान देगी. अभी तक सौदे की लागत सामने नहीं आई है. विंगटेक की तरफ से कहा गया है कि सारी कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद लागत निर्धारित की जाएगी.
चीन की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर थी विंगटेक
2006 में स्थापित हुई विंगटेक चीन की सबसे बड़ी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर और 2023 में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी स्मार्टफोन ऑरिजनल डिजाइन मेकर थी. 2023 में कंपनी की शाओमी, सैमसंग और ऑनर से मिले ऑर्डर की बदौलत कंपनी की स्मार्टफोन शिपमेंट 7 प्रतिशत बढ़ी थी. कंपनी विदेशों में AI स्मार्टफोन और कंप्यूटर के क्षेत्र में अपना कारोबार बढ़ाने की योजना बना रही थी.
अमेरिका ने 140 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट
अमेरिका के कॉमर्स डिपार्टमेंट ने दिसंबर में विंगटेक समेत 140 चीनी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट किया था. चीन को एडवांस सेमीकंडक्टर बनाने से रोकने और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया था. बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच पिछले कई सालों से ट्रेड वॉर चल रहा है और अमेरिका ने कई चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं.
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