डेटा सेंटर बनाने के लिए SPMCIL ने इस कंपनी के साथ साइन किया कॉन्ट्रैक्ट, लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से होंगे लैस
CPIL ने सोमवार को कहा कि उसने दो डेटा केंद्र स्थापित करने के लिए सरकारी स्वामित्व वाली बैंक नोट और सुरक्षा कागज निर्माता एसपीएमसीआईएल के साथ 137 करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं.
PAARGAMAN Contract: भारत सरकार की स्वामित्व वाली ''सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसपीएमसीआईएल) ने नोएडा की कंपनी CIPL को 2 डेटा सेंटर बनाने का जिम्मा दिया है. इसके लिए दोनों के बीच 137 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है. एसपीएमसीआईएल मुद्रा और बैंक नोट, सिक्योरिटी पेपर, नॉन-ज्यूडिशियल स्टांप पेपर, डाक टिकट और स्टेशनरी और यात्रा दस्तावेजों का निर्माण करती है. इधर, टेक्नोलॉजी सॉल्यूशन कंपनी CPIL पिछले 15 सालों से स्टेट और केंद्र के प्रोजेक्ट पूरे करते आ रही है. कंपनी एक सेंटर नोएडा में बनाएगी जबकि दूसरा हैदराबाद में होगा.
कॉन्ट्रैक्ट को दिया गया ये नाम
CIPL की ओऱ से बयान जारी कर कहा गया कि कंपनी अपने तकनीकी अनुभव से बेस्ट डेटा सेंटर बनाएगी. दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते को ‘PAARGAMAN’ नाम दिया गया है. CIPL के मुताबिक एक प्राइमरी और दूसरा डिजास्टर रिकवरी डेटा सेंटर बनाया जाएगा जो टेक्नोलॉजी के मामलें में एकदम लेटेस्ट होगा जिससे आउटपुट फास्ट और एक्यूरेट होगा.
क्या होता है डेटा सेंटर?
डेटा सेंटर वो जगह है जहां सभी डिजिटल डेटा को रखा जाता है. डेटा सेंटर एक छोटी कंपनी से लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियों और सरकार का भी हो सकता है. डेटा सेंटर में डिजिटल डेटा को सेफ रखा जाता है और इसमें कई सर्वर लगाएं जाते हैं. डेटा सेंटर की सुरक्षा भी बड़ी कड़ी होती है. डेटा सेंटरों को बिजली की ज्यादा जरूरत होती है. इसी के जरिए वे 24 घंटे ऑपरेट होते हैं. किसी-किसी डेटा सेंटर में पानी का खर्च भी खूब रहता है क्योकि सिस्टम लगातार काम कर रहे होते हैं. इन्हें ठंडा बनाएं रखने के लिए कंपनियां पानी का इस्तेमाल करती हैं.
डेटा सेंटर में ही फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सऐप, ट्विटर, रेलवे, सरकार और देश की गुप्त बातें आदि रखी जाती हैं.
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