नई दिल्ली: कोरोना वायरस के तलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देशभर में लॉक डाउन के ऐलान के बाद देश की टेलीकॉम कंपनियों के सामने एक नई समस्या आ खड़ी हुई है. यह समस्या है टेलीकॉम नेटवर्क पर बढ़ते लोड की. दरअसल, अधिकांश लोगों के घर पर होने से वॉइस कालिंग और इंटरनेट का इस्तेमाल, दोनों, काफी ज्यादा बढ़ गया है. इसके लिए अब टेलीकॉम कंपनियां Intra Circle रोमिंग (ICR) खोलने पर विचार कर रही हैं. देश की एक बड़ी निजी टेलीकॉम कंपनी के अधिकारी ने ABP News को बताया कि intra circle roaming खोलने से किसी भी ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे नेटवर्क पर स्विच हो सकेंगे.
क्या है ICR?
intra सर्किल रोमिंग को आसान शब्दों में एक उदहारण के तौर पर इस तरह से समझा जा सकता है कि अगर एयरटेल का कोई ग्राहक कॉल करता है और वहां पर कमज़ोर नेटवर्क है, तो कॉल जिओ या वोडाफोन के नेटवर्क के जरिये कनेक्ट हो जाएगी. इससे ग्राहकों को कमज़ोर सिग्नल या नो सिग्नल की स्तिथि से नहीं जूझना होगा. इसके चलते मोबाइल ग्राहकों को कालिंग की सुविधा निर्बाध रूप से मिलती रहेगी. अधिकारी ने बताया कि ICR में अगर कोई ग्राहक डेटा का इस्तेमाल करता है और उसे लो स्पीड मिलती है तो भी वह दूसरे नेटवर्क पर अपने आप शिफ्ट हो जाएगा. इस संबंध में भारती एयरटेल ने वोडाफोन-आईडिया, रिलायंस जियो, बीएसएनएल और एमटीएनएल को पत्र भी लिखा है. पत्र की कॉपी एबीपी न्यूज़ के पास मौजूद है. पत्र में एयरटेल ने अन्य कंपनियों से कहा है कि त्रासदी के समय टेलीकॉम विभाग के SOP-17 को लागू करना चाहिए जिससे सभी संचार सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहीं.
डेटा पर बढ़ा बोझ
लॉकडाउन के चलते देशभर के अधिकांश लोग अपने घरों से ही काम कर रहे हैं और पढ़ाई कर रहे हैं. ऐसे में होम ब्रॉडबैंड, मोबाइल ब्रॉडबैंड और मोबाइल इंटरनेट का यूसेज यानी के इस्तेमाल बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इस बारे में जब हमने एक टेलीकॉम कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि अधिकांश दफ्तर बंद होने और लोगों के घरों से काम करने और छात्रों के घरों से पढ़ाई करने के चलते ब्रॉडबैंड पर बहुत ज्यादा भार बढ़ गया है. इसके अलावा नए कनेक्शन की डिमांड भी लगभग 10 फ़ीसदी तक बढ़ गई है. ऐसे में सभी टेलीकॉम कंपनियां अपनी तरफ से ब्रॉडबैंड स्पीड को बनाए रखने की पुरजोर कोशिश कर रही हैं.
वहीं दूसरी तरफ देश में टेलीकॉम कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने डेटा स्ट्रीमिंग करने वाली कम से कम 12 कंपनियों से संपर्क किया है और उनसे कहा है कि वह हाई डेफिनेशन फॉर्मेट के जगह स्टैंडर्ड डेफिनेशन फॉर्मेट में अपनी स्ट्रीमिंग करें जिससे इंटरनेट की कम बैंडविथ इस्तेमाल होगी. COAI की इस अपील के बाद डिजिटल इंडस्ट्री ने इस मांग को एक स्वर में मानते हुए ये तय किया है कि 14 अप्रैल तक सभी कंटेंट 480p से ज़्यादा के बिटरेट पर नहीं होगा. इस बैठक में स्टार और डिज्नी इंडिया के चेयरमैन उदय शंकर समेत फेसबुक, गूगल आदि डिजिटल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
लॉकडाउन: बच्चे घर में कर रहे हैं परेशान तो ये पांच वीडियो प्लेटफॉर्म करेंगे हेल्प
कोरोना वायरस: वर्क फ्रॉम होम के लोड की वजह से क्या इंटरनेट बंद हो जाएगा?