Cryptocurrency: देश में ऑनलाइन सिस्टम ने बेशक लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है. लेकिन इसी के साथ साइबर ठगी के मामले भी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. अपराधी सीधे लोगों के बैंक खातों पर डाका डाल रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां करीब 2 हजार करोड़ रुपये की क्रिप्टो करंसी चोरी हो गई है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.


क्या है मामला?


दरअसल, WazirX देश में क्रिप्टो करंसी का एक बड़ा एक्सचेंज है. इसके जरिए लोग करोड़ों के क्रिप्टो करंसी का आदान-प्रदान करते हैं. इसी तरीके एक्सचेंज में क्रिप्टो वॉलेट से करीब 230 मिलियन डॉलर के क्रिप्टो करंसी चोरी हो गए हैं. आपको बता दें कि 18 जुलाई को wazirX के एक वॉलेट से करीब 2 हजार करोड़ रुपये के क्रिप्टो करंसी गायब या कहें कि चोरी हो गए हैं. इससे हजारों लोगों के रूपये गायब हो गए हैं. वहीं WazirX ने भी CERT.in पर इसकी रिपोर्ट की है. अब दिल्ली पुलिस के साइबर सेल में भी इसके खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है.


लेकिन अब सवाल यह उठता है कि वजीरएक्स पर जब ट्रांजैक्शन के लिए कई सिग्नेचर की जरुरत पड़ती है तो आखिर इतनी बड़ी चोरी हुई कैसे? इसके लिए सरकारी एजेंसियां भी जांच कर रही हैं.


Wazir X का क्या कहना है?




आपको बता दें कि Wazir X ने वेबसाइट पर वॉलेट से चोरी हुए क्रिप्टो करंसी का नंबर बताया है. वहीं दुनियाभर के कई साइबर एक्सपर्ट्स ने जब इसकी जांच की तो पता चला कि 18 जुलाई को वालेट्स से करीब 200 के करीब ट्रांजेक्शन हुए हैं. वहीं इसकी तैयारी करीब 10 जुलाई से ही शुरू हो गई थी.


एक्सपर्ट की क्या है राय?


देशभर के एक्सपर्ट्स के मुताबिक एक्सचेंज से पैसे ट्रांसफर करने के लिए एक निश्चित फीस लगती है. इसके लिए ठग ने 1080 डॉलर के करीब क्रिप्टो को अपने वॉलेट में लेने के लिए टॉरनेडो कैश के वॉलेट का यूज किया है जिससे वह ट्रैक न किया जा सके.


आपको बता दें कि टॉरनेडो कश एक मिक्सिंग सर्वीस है जिससे यह नहीं पता चल पाता है कि पैसे किसने भेजे है और कहां गए हैं.


एक्सपर्ट ने दी सलाह


आपकी जानकारी के लिए बता दें कि क्रिप्टो करंसी की इतनी बड़ी चोरी को लेकर एक्सपर्ट्स ने भी लोगों को नसीहत दी है. जानकारी के अनुसार अभी फण्ड ब्लॉक चेन पर है इसीलिए इसे अभी यूज नहीं किया जा सकता है. ऐसे में इसे यूज करने के लिए रियल वर्ल्ड में आने अनिवार्य है.


यह भी पढ़ें:


चीन की चाल हुई फेल! स्पेस भेजा Elon Musk के तर्ज पर बना ‘Starlink’ रॉकेट, हो गए 300 टुकड़े