नई दिल्ली: क्या आप देश की पहली ह्यूमनॉइड (humanoid) फैमिली के बारे में जानते हैं. जी हां ह्यूमनॉइड फैमिली यानी मनुष्यों की तरह दिखने वाला रोबोट परिवार. इस ह्यूमनॉइड फैमिली को तैयार किया है मिलाग्रो ह्यमूनटेक (Milagrow Humantech) ने.
इन रोबोट्स का इस्तेमाल होटल्स, रेस्टोरेंट, हॉस्पिटल, रिसेप्शन आफिस और यहां तक कि सुरक्षा गार्ड के तौर पर किया जा सकता है. यह रोबोट्स हॉस्पिटल्स में मरीजों को दवाई देने से लेकर मरीजों की मॉनिटरिंग तक कर सकते हैं.
होटल उद्योग की अगर बात की जाए तो ग्राहकों से आर्डर लेने से लेकर अलग-अलग तरह के अनाउंसमेंट कर सकते हैं. इसके अलावा जिस उद्योग की जैसी जरूरत हो उस जरूरत के मुताबिक इनमें परिवर्तन भी किया जा सकता है.
रोबोट्स की कीमत
अब आपके ज़ेहन में सवाल होगा कि आखिर इन रोबोट्स की कीमत क्या है. रोबो ली कैप्रियो की कीमत है 12 लाख रुपये. वहीं, रोबो जूलिया की कीमत 10 लाख रुपये है. रोबो एल्फ की अगर बात करें तो इसकी कीमत है 6.5 लाख रुपये. वहीं, परिवार के सबसे छोटे सदस्य रोबो नैनो की कीमत है 4 लाख रुपये.
रोबोट्स की मांग कई गुना बढ़ी
कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते देश में रोबोट्स की मांग बेहद तेजी के साथ बड़ी है. Milagrow के संस्थापक राजीव करवाल ने बताया कि की कंपनी अभी तक बीते कुछ सालों के दौरान लगभग एक लाख से ज्यादा रोबोट्स भारतीय बाजार में बेच चुकी है. रोबोट्स की अगर बात करें तो सबसे ज्यादा मांग फ्लोर क्लीनिंग रोबोट की है.
कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते इस साल देशभर में लगभग तीन से चार लाख फ्लोर क्लीनिंग रोबोट बिकने की उम्मीद है. पिछले साल देश भर में लगभग 10,000 फ्लोर क्लीनिंग रोबोट्स बिके थे.
राजीव ने बताया कि कोरोनावायरस और लॉकडाउन के चलते देशभर में रोबोट्स की मांग में जबरदस्त इजाफा हुआ है. आज की तारीख में कंपनी के पास जितनी मांग है कंपनी अभी उतना उत्पादन भी नहीं कर पा रही है. इन सभी रोबोट्स की मांग हर उद्योग से आ रही है. हॉस्पिटल से लेकर होटल्स तक और रिसेप्शन एरिया से लेकर फैक्ट्रीज तक अब रोबोट्स का इस्तेमाल कर रही हैं.
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