देश में कोविड -19 महामारी और बढ़ते डिजिटलीकरण के चलते साइबर अपराधों में इजाफा देखने को मिला है. इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित साइबर सुरक्षा पर एक कार्यक्रम में एक्सपर्ट्स ने बताया कि भारत ने महामारी के दौरान इसमें 2,000 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है. भारत के पहले साइबर सिक्योरिटी को-ऑर्डिनेटर गुलशन राय ने कहा कि महामारी के दौरान टार्गेट अटैक्स में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि "साइबरवार शुरू हो गया है."


90 प्रतिशत हमले पुराने तरीके से
कार्यक्रम में राय ने कहा कि 90 प्रतिशत साइबर अटैक्स पुराने तरीकों से ही किए गए हैं, जिनमें फिशिंग, मैलवेयर आदि शामिल हैं. वहीं टार्गेट अटैक्स अब ज्यादा होने लगे हैं, जिनकी संख्या अभी नौ फीसदी है. ऐसे अटैक्स देश और किसी संगठन के लिए नुकसानदायक हैं. 


2000 फीसदी का हुआ इजाफा
राय ने आगे कहा, "भारत में लगभग हर सेक्टर में साइबर सिक्योरिटी पर हमले किए जा रहे हैं क्योंकि वे सभी आपस में जुड़े हुए हैं. महामारी के दौरान इनकी संख्या में 2,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इसका मुख्य कारण है घर में यूज किया जाने वाला एएसएल, डीएसएल, फाइबर. इसमें से कुछ भी सुरक्षित नहीं है. इससे आपकी संवदेनशील जानकारी को खतरा है और इसका उपयोग अलग-अलग मकसद के लिए किया जा रहा है, जिससे फाइनेंशियल फ्रॉड हो रहे हैं, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो रहा है."


फाइनेंशियल फ्रॉड की 4 लाख शिकायत दर्ज
वहीं गृह मंत्रालय के निदेशक अशोक कुमार ने खुलासा किया है, महामारी के दौरान गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NSCRP) जिसे अगस्त 2019 में लॉन्च किया गया था, ने फाइनेंशियल फ्रॉड से संबंधित लगभग 50 प्रतिशत के साथ चार लाख से अधिक शिकायतें दर्ज की हैं.


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