आजकल फोन और इंटरनेट बैंकिंग के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से तरह-तरह के साइबर अपराध सामने आ रहे हैं. अभी तक बैंक की ओर से सलाह दी जाती थी कि आप किसी भी अनजान व्यक्ति से अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर या ओटीपी नंबर शेयर न करें. इससे आपके बैंक खाते से कोई पैसा नहीं निकाल पाएगा. लेकिन साइबर अपराधियों ने अब एक नया तरीका निकाल लिया है. जिसमें बिना ओटीपी के भी आपके खाते से पैसे उड़ाए जा सकते हैं. शातिर आर्थिक अपराध इन दिनों इस तरह के क्राइम को अंजाम दे रहे हैं. ऐसे अपराधी आपको फोन करके आपको किसी तरह की मदद का ऑफर करते हैं. इसी बहाने आपके फोन या लैपटॉप में किसी तरह की ऐप डाउनलोड करवाते हैं. बस फिर क्या है पल भर में आपकी बैंक से जुड़ी तमाम जानकारी चुराकर आपको चूना लगा दिया जाता है.
कैसे जाल में फंसाते हैं?
ये साइबर अपराधी आपको फोन करके अपने जाल में फंसाते हैं. एक घटना के मुताबिक, दिल्ली में रहने वाले सुरेश के पास फोन आया कि उनके पेटीएम अकाउंट का केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं हुआ. फोन करने वाले शख्स ने बताया कि अगर केवाईसी वेरिफिकेशन नहीं किया, तो आपका पेटीएम अकाउंट 24 घंटे में बंद कर दिया जाएगा.
सुरेश ने फोन करने वाले शख्स को पेटीएम का कर्मचारी समझते हुए घर आकर वेरिफिकेशन करने के लिए कहा. लेकिन कोरोना का बहाना बना कर फोन करने वाले शख्स ने आने से मना कर दिया. कॉलर ने कहा कि कोरोना की वजह से वो फिजिकल वेरिफिकेशन के लिए नहीं आ सकता. आपको ऑनलाइन वेरिफिकेशन कराना होगा.
फोन करने वाले शख्स ने सुरेश को अपने मोबाइल पर ‘क्विक सपोर्ट’ एप डाउनलोड करने के लिए कहा. इसके बाद सुरेश से आईडी पूछकर कॉलर ने उनके फोन को बड़े ही स्मार्ट तरीके से हैक कर लिया. अब कॉल करने वाले शख्स ने सुरेश को किसी दूसरे अकाउंट से पेटीएम में एक रुपया डालने के लिए कहा.
सुरेश ने अपने आईसीआईसीआई बैंक के क्रेडिट कार्ड से एक रुपया अपने पेटीएम अकाउंट में भेज दिया. इस दौरान उस शख्स ने क्विक सपोर्ट से फोन को हैक कर लिया और सुरेश के क्रेडिट कार्ड का पिन नंबर देख लिया. कॉल करने वाले शख्स ने कुछ समय के लिए सुरेश को बातों में फंसाए रखा और उनके बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड से 9,999 रुपये के दो ट्रांजैक्शन कर 19,998 रुपये निकाल लिए. बाद में सुरेश ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराई.
साइबर अपराध से कैसे बचें?
साइबर एक्सपर्ट की मानें तो टीम व्यूवर या क्विक सपोर्ट जैसी ऐप से कोई दूर बैठा व्यक्ति भी आपके फोन या कंप्यूटर पर पूरा अधिकार कर लेता है. इससे कोई भी एक्सिस करके आपके सिस्टम को ठीक कर सकता है. आजकल साइबर अपराधी इनका दुरूपयोग दूसरों के सिस्टम से जानकारी चुराने के लिए कर रहे हैं.
1 -ऐप को डाउनलोड करते समय भी चेतावनी दी जाती है कि इसके आईडी की जानकारी वे केवल उसे ही दें, जिस पर भरोसा हो.
2 -एप की आईडी किसी को बताने से आपकी पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है.
3 -एप को बिना वजह डाउनलोड न करें
4 -सिस्टम में कुछ खराबी आने पर उन्हीं से ठीक कराएं जिन्हें आप व्यक्तिगत तौर पर जानते हों.
5 -कोई अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने के लिए बोले तो ऐसा बिल्कुल न करें.