कस्टमर केयर नंबर अगर गूगल से ढूंढते हैं तो ये जरूर पढ़ लीजिए, ऐसे अकाउंट हो जाता है खाली
हमें अगर किसी ऑर्गेनाइजेशन, कोई दुकान, बैंक या अन्य किसी का भी कस्टमर केयर नंबर किसी कारण से चाहिए होता है तो हम सब गूगल करते हैं. लेकिन ऐसा करना फ्रॉड को दावत दे सकता है. कैसे ये जानिए.
इंटरनेट ने भले ही एक ओर कई चीजें आसान बना दी हों लेकिन दूसरी ओर मुश्किलें भी बढ़ा दी है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये एक खुला नेटवर्क है जहां कोई भी अपनी बात रख सकता है. इंटरनेट पर आप सभी ने कभी न कभी कोई कस्टमर केयर नंबर जरूर सर्च किया होगा. बैंक का हो, किसी होटल का हो, ऑफिस या स्कूल, किसी न किसी काम से हम कस्टमर केयर नंबर के लिए गूगल करते ही हैं. कई बार इससे हमारा काम हो जाता है लेकिन कई बार लोग फ्रॉड का शिकार भी हो जाते हैं. जी हां, लोगों के साथ फ्रॉड भी हो रहा है.
क्या है मामला?
मुंबई की एक महिला ने गूगल पर पैकर्स और मूवर्स का फोन नंबर ढूंढकर उन्हें सामान शिफ्ट करने के लिए बुलाया. इसके बाद महिला के घर पर 4 लोग पहुंचे जिसमें से एक ने उनसे 2500 रूपए लिए और एक टीवी उठाकर चले गए. उन्होंने महिला को बताया कि सामान धीरे-धीरे मूव होगा. लेकिन घंटों बीत जाने के बाद जब महिला को लगा कि अब कोई लौटने वाला नहीं है तो महिला ने इस संदर्भ में थाने में शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने मौके पर चार में से एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. महिला को पैसे देने के बाद ये एहसास हुआ कि वह ठगी का शिकार हो गई है.
दरअसल, होता ये है कि गूगल पर जब भी आप किसी कस्टमर केयर नंबर को सर्च करते हैं तो अमूमन लोग जगह का नाम या ऑफिस का नाम डालकर कस्टमर केयर नंबर सर्च करते हैं. सर्च करने पर सबसे ऊपर हमें कस्टमर केयर नंबर और गूगल मैप दिखने लगता है या ऑफिस या नाम. यहीं पर फ्रॉड करने वाले लोग खेल करते हैं. दरअसल, इन नंबर को बदला जा सकता है और कोई भी इन्हें चेंज कर सकता है. विशेषकर हैकर इन मामलों में ज्यादा एक्टिव होते हैं और वे नंबरों की हेर-फेर कर देते हैं. ऐसे में जब आप नंबर लेकर बात करते हैं तो सामने वाला व्यक्ति खुद को उसी संस्था से जुड़ा बताता है और यहीं से आपके साथ धीरे-धीरे फ्रॉड होना शुरू हो जाता है. व्यक्ति खुद को उसी संस्था से जुड़ा बताता है और हमें भी विश्वास हो जाता है क्योकि हम जरूरत में होते है. ऐसे में फ्रॉड करने वाले लोग आपसे आपकी गुप्त जानकारी मांग लेते हैं जिसके बाद आपका पैसा साफ हो जाता है. इसलिए हमेशा गूगल पर जब भी आप कोई जानकारी खोजें तो उसे क्रॉस चेक करें और अपनी निजी जानकारी किसी भी हालत में दूसरे व्यक्ति को न दें.
सरकार और सरकारी संस्था या प्राइवेट कंपनियां कभी भी आपसे आपकी निजी जानकारी नहीं मांगती. इसलिए हमेशा सावधान रहें और सतर्क होकर काम करें.
सही जानकारी ऐसे मिल सकती है
जब भी आप किसी का कस्टमर केयर नंबर सर्च करें तो हमेशा उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर को निकाले. उदाहरण के लिए अगर आप किसी बैंक का नंबर खोज रहे हैं तो बैंक का पता डालने के बाद उसकी आधिकारिक वेबसाइट से ही नंबर निकाले और निजी जानकारी फोन पर डिस्क्लोज न करें. संभव हो तो फिजिकली ऑफिस जाकर मिले.
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