BSNL: आज के समय में लोगों का डेटा लीक करना काफी आसान हो गया है. हैकर्स बड़ी आसानी से बिना लोगों के पता चले उनका डेटा उड़ा लेते हैं, लेकिन सरकार के अंडर आने वाली संस्थान से अत्यधिक संवेदनशील दूरसंचार डेटा को चुराना छोटी बात नहीं है. ऐसा ही कुछ सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल के साथ भी हुआ है. जहां पर लाखों उपभोक्ताओं के डाटा की जानकारी हैकर्स के पास पहुंच गई है, और चौंकाने वाली बात ये है कि इतने बड़े साइबर हमले का पता कंपनी को बाद में चला.


डार्क वेब पर बिक रहा यूज़र्स का डेटा


साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट के मुताबिक ये संवेदनशील दूरसंचार डेटा को डार्क वेब पर 5 हजार डॉलर में बेचा जा रहा है. भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) पर हुए इस साइबर अटैक के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर चिंता जताई जा रही है. यही नहीं बीएसएनएल इन साइबर अटैक को लेकर कितनी संवेदनशील थी, ये भी सामने आ गया है. जानकारी के मुताबिक हैकर्स ने लंबे समय से बीएसएनएल के सिस्टम तक पहुंच बना रखी थी, जिसकी वजह से इतने बड़े लेवल पर संवेदनशील टेलीकॉम डेटा की चोरी हुई है.


क्या क्या डेटा हुआ चोरी


जानकारी के मुताबिक हैकर्स ने बीएसएनएल के सिस्टम से 140 जीबी डेटा को चुरा लिया है. चुराए गए डेटा में आईएमएसआई और सिम की डिटेल्स, एचएलआर डेटा, डीपी कार्ड डेटा, DP Security Key Data, master keys और सोलारिस सर्वर स्नैपशॉट शामिल हैं. इसके अलावा  OTPs, two-factor authentication डेटा भी शामिल है, जिसकी मदद से लोगों के बैंक खातों तक हैकर्स अपनी पहुंच बना सकें. 


पहले भी बीएसएनएल से हुई है डेटा की चोरी


जानकारी के लिए बता दें कि दिसंबर 2023 में भी बीएसएनएल के सिस्टम से डेटा चोरी करने का ऐसा ही मामला सामने आया था. लेकिन इस बार संवेदनशील दूरसंचार डेटा और यूजर्स की अधिक विस्तृत जानकारी और डेटासेट की चोरी हुई है. जिसका इस्तेमाल गलत कामों में किया जा सकता है. वहीं मामवे की गंभीरता को देखते हुए दूरसंचार मंत्रालय ने बीएसएनएल से इस पुरे डेटा चोरी को लेकर रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा मामले की फोरेंसिक जांच के भी आदेश दिए हैं.


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