Deepfake कितने प्रकार का होता है? आप इसे कैसे पहचान सकते हैं?
Deepfake: डीपफेक को लेकर भारत सरकार एक्शन मोड में है. सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी उपयोग की शर्तों को आईटी नियमों के अनुरूप करने के लिए 7 दिन का समय दिया है.
Types of Deepfakes: सोशल मीडिया पर हाल फिलहाल में कई लोगों की AI डीपफेक वीडियो वायरल हुई हैं. लोग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल्स का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और कंटेंट को अपने हिसाब से बदलकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं. हाल ही में इंडियन एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक फेक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था. इस वीडियो पर कई बड़े सेलेब्स ने चिंता जाहिर की थी. खुद पीएम मोदी ने हाल ही में AI डीपफेक पर लोगों को आगाह किया था. डीपफेक पर केंद्र सरकार एक्शन मोड में है और सोशल मीडिया कंपनियों को इससे निपटने के लिए 7 दिनों का समय दिया गया है. सरकार ने एक वेबसाइट और ऑफिसर भी अप्पॉइंट करने की बात कही है जो डीपफेक से जुड़े मामलों पर नजर रखेगा.
आज हम आपको इस लेख में ये बताने वाले हैं कि आप कैसे डीपफेक वीडियो को पहचान सकते हैं और ये कितने प्रकार का होता है.
कितने प्रकार का होता है डीपफेक?
- फेस-स्वैपिंग: इस तरह के डीपफेक कंटेंट में लोग किसी के चेहरे पर किसी और का चेहरा लगा देते हैं और गलत तरह की जानकारी फैलाते हैं. फेस-स्वैपिंग का इस्तेमाल फ्रॉड के लिए खूब किया जाता है.
- एक तरह के डीपफेक कंटेंट में ठग ओरिजिनल आवाज की कॉपी करते हैं और फिर इसके जरिए अलग-अलग स्कैम को अंजाम दिया जाता है. ठग AI की मदद से हूबहू ओरिजिनल आवाज की तरह ऑडियो को बनाते हैं और फोन पर भी लोगों से इसी आवाज में बात करते हैं.
- बॉडी मूवमेंट और जेस्चर को भी AI की मदद से बदला जा सकता है. इससे वीडियो में वो चीज दिखाई जाती है जो ओरिजिनल नहीं है. जैसे अगर आपने किसी काम के लिए ना का इशारा किया है तो इसे ठग AI की मदद से हां के मूवमेंट में बदल देंगे.
- टेक्स्ट बेस्ड डीपफेक में ठग या स्कैमर किसी के राइटिंग स्टाइल को कॉपी करते हैं. फिर इसके आधार पर झूठे मैसेज, मेल आदि भेजे जाते हैं
- ऑब्जेक्ट मैनिपुलेशन: AI डीपफेक के जरिए बॉडी और फेस के अलावा ऑब्जेक्ट को भी रिप्लेस किया जा सकता है. इस तरह की वीडियो में ऑब्जेक्ट को बदलकर वीडियो का मीनिंग ही बदल दिया जाता है. जैसे अगर आपने हाथ में पानी का बोतल लिया हुआ है तो इसे बदलकर ठग शराब या कुछ और भी कर सकते हैं.
- हाइब्रिड डीपफेक: इस तरह की डीपफेक वीडियो में तमाम चीजों को मिक्स कर कंटेट को बदला जाता है.जैसे आवाज, चेहरा, ऑब्जेक्ट आदि सबकुछ एकदम बदल दिया जाता है.
- फेक वेबसाइट भी AI की मदद से बनाई जाती हैं ताकि यूजर्स की जानकारी चुराई जा सके.
कैसे करें डीपफेक वीडियो की पहचान
- कोई वीडियो असली है या नहीं, ये काफी हद तक आप उसे देखकर पहचान सकते हैं. कहने का मतलब आपको वीडियो के सभी चीजों को ध्यान से बार-बार देखना चाहिए. हर शॉट को अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आपको वीडियो के बारे में काफी कुछ पता लग जाएगा.
- वीडियो किस व्यक्ति द्वारा अपलोड किया गया है इससे भी आप वीडियो के बारे में जान सकते हैं.
- गूगल रिवर्स इमेज सर्च का भी इस्तेमाल आप कर सकते हैं. आप वीडियो से स्क्रीनशॉट लेकर वीडियो के बारे में जान सकते हैं.
- कुछ AI टूल्स भी आपको वीडियो के असली और नकली होने के बारे में बताते हैं.
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