नई दिल्ली: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते दायरे को देखते हुए एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके लिए डिग्री कोर्स होना जरूरी है. देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए कोई प्रोफेशनल कोर्स उपलब्ध नहीं है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वक्त के साथ टेक्नोलॉजी का विकास हो रहा है, इसलिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सब्जेक्ट पर प्रोफेशनल ट्रेनिंग की जरूरत है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ एज्युकेशन (सीबीएसई) ने स्कूलों में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जोड़ दिया है.


आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर पीयर्सन प्रोफेशनल प्रोग्राम्स (पीपीपी) के उपाध्यक्ष वरुण धमीजा का कहना है कि आज के डिजिटल युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कई व्यापारों और उद्योगों को प्रभावित कर रहा है. आज हर उद्योग और व्यापार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल शुरू हो गया है. जिसकी वजह से काम को आसानी से किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन के इस युग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अगला बड़ा परिवर्तन हो सकता है. धमीजा ने कहा कि हाल ही में हुए शोध में पता चला है कि 60 प्रतिशत भारतीय का कहना है कि प्रोफेशनल्स को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा लेने की जरूरत है. साथ ही अपने कर्मचारियों को भी इस विषय में जागरूक करने की जरूरत है.


बिरलासॉफ्ट कंपनी के चीफ पीपुल ऑफिसर समित देब का कहना है कि देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर सेमीनार होना चाहिए. जिससे इस सब्जेक्ट के बारे में लोग ज्यादा से ज्यादा जागरूक हों. आपको बता दें कि हाल ही में संयुक्त अरब अमीरात ने पिछले महीने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यूनिवर्सिटी का उद्घाटन किया था. जिसका नाम मोहम्मद बिन जायेद यूनिवर्सिटी ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एमबीजेडयूएआई) है. ये यूनिवर्सिटी विश्व की पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर कोर्स करवाने वाली यूनीवर्सिटी है. ये यूनिवर्सिटी छात्रों को यूजी और पीएचडी कोर्स करवाती है.


वहीं एडवांस्ड सेंटर ऑफ इंडिया के ह्यूमन रिसोर्स के डायरेक्टर श्रीकांत एस आर का कहना है कि बैंकिग से लेकर रिटेल तक हर क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से काम करना आसान हो गया है. भारत में भी इस विषय में जागरूकता की जरूरत है.


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