Delhi Traffic: अब दिल्ली में भयंकर ट्रैफिक से मिलेगी निजात, एआई और मशीन लर्निंग बेस्ड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम जल्द होगा लागू
Delhi Traffic Management: अधिकारियों ने कहा कि भीड़भाड़ को कम करने और तेज वाहनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक इंटिग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम प्लान बनाया है.
Delhi Traffic Management System: अधिकारियों ने कहा कि मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence) पर काम करने वाला नया सिस्टम एम्बुलेंस और दमकल जैसे आपातकालीन वाहनों (Emergency Vehicles) को तुरंत रास्ता देने की सुविधा प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. साथ ही, दिल्ली पुलिस मुख्यालय में ऑपरेशन को संभालने और प्रोग्रामिंग की निगरानी के लिए एक कमांड सेंटर भी बनाया जाएगा.
सिस्टम बताएगा कहां है खाली पार्किंग स्पेस:
यातायात पुलिस के अनुसार, प्रोजेक्ट का उद्देश्य सभी ट्रैफिक सिग्नल को सिंक्रनाइज करना और सिग्नल लाइट को ऑटोमेटिक तरीके से कंट्रोल करना है. आईटीएमएस मोटर चालकों को आगे किसी भी तरह की भीड़भाड़ की स्थिति में डायवर्जन के लिए सावधान करेगा. इस सिस्टम को सभी नगर निकाय द्वारा ऑपरेट पार्किंग लोट के साथ इंटिग्रेट किया जाएगा ताकि मोटर चालकों को वेन्यू पर पहुंचने से पहले खाली स्थानों की उपलब्धता के लिए सतर्क किया जा सके. डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (ट्रैफिक हेडक्वाटर-सेकेंड) एसके सिंह ने कहा, "वे दिल्ली नगर निगम के मोबाइल एप्लिकेशन पर अपडेट को देखेंगे, जो एक पॉप अप मैसेज देगा. इसे गूगल मैप ((Google Map) से भी जोड़ा जाएगा."
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सी-डैक) के साथ एक इंटिग्रेटेड ट्रैफिक सिस्टम के लिए एक मेमोरेंडम पर हस्ताक्षर किए, जिसने आगे एक सलाहकार फर्म को कार्य सौंपा है. सिंह ने कहा कि फिलहाल यह प्रोजेक्ट अपने शुरुआती चरण में है.
8 महीने में जमा करनी है रिपोर्ट:
हमें प्रोजेक्ट के लिए आठ महीने का समय दिया गया है और पहली डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट 42 जंक्शनों पर ट्रैफिक का सर्वेक्षण करने के बाद 1,200 सिग्नल और 600 ब्लिंकर को कवर करने के लिए तैयार की जानी है. इसे इस साल नवंबर तक जमा करना है." कुछ दिनों पहले आउटर दिल्ली के मुंडका में एक इमारत में भीषण आग लग गई थी और इसमें 27 लोगों की जान चली गई थी. यह आरोप लगाया गया था कि यातायात की भीड़ ने कुछ दमकल गाड़ियों के आने में देरी की और उनके जल्दी पहुंचने से हताहतों की संख्या कम हो जाती.
इस पर, सिंह ने कहा कि नया आईटीएमएस आपातकालीन वाहनों की परेशानी मुक्त आवाजाही की सुविधा के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर भी शामिल करेगा.
एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की होगी पहचान:
"कई जंक्शनों पर, यह भी देखा गया है कि भले ही ट्रैफ़िक न हो, लाल बत्ती चालू रहती है. इसलिए, एक अनुकूली प्रणाली होने से यह हैवी ट्रैफ़िक की पहचान करेगी और समय बदल देगी. यह जंक्शन पर ठहराव का समय कम करेगा, ”डीसीपी ने कहा इस बीच, प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में ट्रैफिक ऑफिशर्स ने एक्सीडेंट हॉटस्पॉट की पहचान की है और वे वर्तमान में दिल्ली में भीड़भाड़ वाले स्थानों की तलाश कर रहे हैं. सिंह ने कहा, "प्रोपर रोड इंजीनियरिंग सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग और संबंधित सिविक एजेंसियों को शामिल किया गया है. इसके बाद इसे सेफ सिटी प्रोजेक्ट के साथ इंटिग्रेट किया जाएगा"
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